चुनाव आयोग का नियम तोड़ने पर सदर,प्रतापगढ़ के निर्दलीय उम्मीदवार प्रमोद कुमार मौर्य एवं विश्वनाथगंज से निर्दलीय उम्मीदवार रहे राकेश सिंह सोमवंशी के खिलाफ दर्ज हुआ था FIR...!!!
अपना दल का झंडा,बैनर व पोस्टर इस्तेमाल करने पर दर्ज हुआ था,मुकदमा...!!!
प्रतापगढ़। सदर सीट पर कृष्णा पटेल गुट से नामांकन करने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष रहे प्रमोद कुमार मौर्या के ऊपर चुनाव आयोग का नियम तोड़ने पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। वह विधान सभा चुनाव में अपना दल का झंडा लगाकर गांव में प्रचार-प्रसार कर रहे थे। जबकि चुनाव आयोग पहले ही तस्वीर साफ कर दिया था कि अपना दल सोनेलाल पार्टी ही चुनाव आयोग से रजिस्टर्ड है जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष जवाहर लाल पटेल हैं और संरक्षिका मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री अनुप्रिया पटेल हैं। दूसरे दल के किसी प्रत्याशी ने अगर अपना दल के पंजीकृत ध्वज या निशान का इस्तेमाल किया तो वो आयोग के नियम का उल्लंघन माना जाएगा। जब अपना दल कृष्णा पटेल गुट के उम्मीदवार जो निर्दलीय हो गए थे,उनके द्वारा अपना दल का झंडा,बैनर व पोस्टर इस्तेमाल करने की जानकारी हुई तो अनुप्रिया पटेल ने अपने उम्मीदवारों से रिटर्निंग ऑफिसर से अपत्ति दर्ज कराई थी। अपना दल कृष्णा गुट से प्रमोद मौर्या ने नामांकन किया था,लेकिन चुनाव अयोग ने कृष्णा दल की स्वीकृति न होने के कारण प्रमोद को निर्दलीय प्रत्याशी घोषित किया था। इसी के मद्देनजर उन्हें चुनाव चिन्ह कराही आवंटित किया था।निर्दलीय प्रत्याशी होने के बावजूद प्रमोद मौर्या ने अपना दल का झंडा इस्तेमाल किया जिसके चलते उन पर कोंहडौर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। उन पर आयोग का नियम तोड़ने,अनाधिकृत रूप से दूसरे दल का नाम और झंडा प्रयोग करने आदि का आरोप लगा था। ये खबर आज इसलिए रिपीट करनी पड़ रही है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कृष्णा पटेल स्वयं प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार होने की घोषणा की हैं और उनका समर्थन प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव करेंगे। सवाल वही है कि क्या आगामी लोकसभा चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग कृष्णा पटेल को अपना दल का सिम्बल और पोस्टर एवं बैनर इस्तेमाल करने देगा ? यदि नहीं तो अपना दल का नाम कृष्णा पटेल द्वारा क्यों इस्तेमाल किया जा रहा है...???
अपना दल का झंडा,बैनर व पोस्टर इस्तेमाल करने पर दर्ज हुआ था,मुकदमा...!!!
प्रतापगढ़। सदर सीट पर कृष्णा पटेल गुट से नामांकन करने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष रहे प्रमोद कुमार मौर्या के ऊपर चुनाव आयोग का नियम तोड़ने पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। वह विधान सभा चुनाव में अपना दल का झंडा लगाकर गांव में प्रचार-प्रसार कर रहे थे। जबकि चुनाव आयोग पहले ही तस्वीर साफ कर दिया था कि अपना दल सोनेलाल पार्टी ही चुनाव आयोग से रजिस्टर्ड है जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष जवाहर लाल पटेल हैं और संरक्षिका मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री अनुप्रिया पटेल हैं। दूसरे दल के किसी प्रत्याशी ने अगर अपना दल के पंजीकृत ध्वज या निशान का इस्तेमाल किया तो वो आयोग के नियम का उल्लंघन माना जाएगा। जब अपना दल कृष्णा पटेल गुट के उम्मीदवार जो निर्दलीय हो गए थे,उनके द्वारा अपना दल का झंडा,बैनर व पोस्टर इस्तेमाल करने की जानकारी हुई तो अनुप्रिया पटेल ने अपने उम्मीदवारों से रिटर्निंग ऑफिसर से अपत्ति दर्ज कराई थी। अपना दल कृष्णा गुट से प्रमोद मौर्या ने नामांकन किया था,लेकिन चुनाव अयोग ने कृष्णा दल की स्वीकृति न होने के कारण प्रमोद को निर्दलीय प्रत्याशी घोषित किया था। इसी के मद्देनजर उन्हें चुनाव चिन्ह कराही आवंटित किया था।निर्दलीय प्रत्याशी होने के बावजूद प्रमोद मौर्या ने अपना दल का झंडा इस्तेमाल किया जिसके चलते उन पर कोंहडौर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। उन पर आयोग का नियम तोड़ने,अनाधिकृत रूप से दूसरे दल का नाम और झंडा प्रयोग करने आदि का आरोप लगा था। ये खबर आज इसलिए रिपीट करनी पड़ रही है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कृष्णा पटेल स्वयं प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार होने की घोषणा की हैं और उनका समर्थन प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव करेंगे। सवाल वही है कि क्या आगामी लोकसभा चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग कृष्णा पटेल को अपना दल का सिम्बल और पोस्टर एवं बैनर इस्तेमाल करने देगा ? यदि नहीं तो अपना दल का नाम कृष्णा पटेल द्वारा क्यों इस्तेमाल किया जा रहा है...???
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