चुनावी वर्ष में सिर्फ बैटिंग करने वाले उम्मीदवार को नकार देना चाहिये और जो पाँच वर्ष चुनाव हारने के बाद फील्डिंग किया हो,उसे मौका देना चाहिये...!!!
चुनावी वर्ष में सक्रिय हो जाती हैं,पूर्व सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह... |
प्रतापगढ़। चार वर्ष तक भूमिगत रहने वाले नेता अचानक चुनावी वर्ष आते ही उनकी सक्रियता बढ़ जाती है। ऐसे ही एक जनप्रतिनिधियों में शुमार प्रतापगढ़ की पूर्व सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह हैं। प्रतापगढ़ की जनता ने उन्हें एक बार नहीं बल्कि तीन बार अपना सांसद चुना और प्रतापगढ़ का कायाकल्प करने की सोच के तहत उन्हें अपना भाग्य विधाता मानकर उन्हें दिल्ली पहुँचाया। फिर भी राजकुमारी रत्ना सिंह ने एक विधान सभा रामपुर खास को छोड़कर प्रतापगढ़ की शेष चार विधनसभाओं के लिए कुछ न कर सकी। वहीं जिस पार्टी से राजकुमारी रत्ना सिंह को टिकट मिलता रहा है,वही पार्टी चुनाव जीतने के बाद भी उन पर भरोसा नहीं किया। जबकि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी और राजकुमारी रत्ना सिंह के पिता पूर्व विदेश मंत्री स्व.दिनेश सिंह की नजदीकियां जग जाहिर रही। फिर भी राजकुमारी रत्ना सिंह को तीसरी बार सांसद बनने पर भी संप्रग 2 के कार्यकाल में भी डॉ मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में स्थान न मिल सका। इससे तो ये कहने में लेशमात्र संकोच नहीं किया जा सकता कि प्रतापगढ़ की जनता ने राजकुमारी रत्ना सिंह पर अपना तीन बार विश्वास जताया,परंतु कांग्रेस पार्टी ही राजकुमारी रत्ना सिंह पर विश्वास नहीं किया। क्या ऐसे जनप्रतिनिधि को प्रतापगढ़ का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतापगढ़ की जनता को चौथी बार उन्हें मौका देना चाहिये अथवा नहीं...???
राजकुमारी रत्ना सिंह जी संसाद न होने पर भी लोगों के बीच है जिसको प्रतापगढ़ की जनता जानती है ओर पहचानती है वर्तमान समय के संसाद महोदय को प्रतापगढ़ की जनता देखीं भी नहीं हमारा संसाद कोंन है तो एक प्रतापगढ़की जनता होने के कारण मैं राजकुमारी रत्ना सिंह जी के साथ हूँ ओर मुझे proud है की प्रतापगढ़ क्षेत्र में कोई महिला नेता है जो parliament मे बैठने की हिम्मत रखतीं हैं ओर आप लोगों से निवेदन है की आप भी ऐसे संसाद का चुनाव करों जो आप की सहायता कर सकें ऐसा नहीं जिसको आप जानते नहीं
जवाब देंहटाएंतीन बार सांसद रहीं हैं उनकी उपलब्धि तो बता दीजिये
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