ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी,एडीओ पंचायत,लेखाकार एवं खंड विकास अधिकारी किसके बल पर विकास कार्यों के धन पर डालते हैं,डकैती...???
पहले घपले व घोटाले करना फिर उस पर पर्दा डालना और अंत तक उसे बचाते रहना क्या अपराध की श्रेणी में नहीं आता...???
जनपद के सभी ब्लाकों में हुई विकास के नाम पर विकास हेतु आवंटित धन पर विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा डाली गई है,डकैती...!!!
पीएम मोदी की अति महत्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास का आवंटन प्रतापगढ़ जनपद में मुर्दो के नाम किया गया और बैंक कर्मियों की मिलीभगत से यमराज द्वारा उनका सत्यापन कर वो पैसा भी निकाल कर लिया गया,बन्दरबाँट...!!!
जिले के पर्वेक्षणीय अधिकारियों जिलाधिकारी,मुख्य विकास अधिकारी,जिला विकास अधिकारी एवं जिला पंचायत राज अधिकारी की बिना सहमति के नहीं हो सकती सरकारी खजाने पर डकैती...!!!
भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों नौकरशाहों के लिए स्वच्छता अभियान और प्रधानमंत्री आवास योजना बना कमाई का जरिए...!!!
विकास कार्य के लिए आवंटित धन में डकैती डालना चुल्लू भर पानी में डूब मरने जैसा है...!!!
आज BDO विकास शुक्ल विकास भवन में अधिकारियों के संग मीटिंग में देखे गए। क्या भ्रष्टाचार का आरोपी BDOजिस पर मुकदमा भी लिखाया गया हो वो जब अधिकारियों के संग मीटिंग करेगा तो जनता में क्या संदेश जायेगा ? जिले में मुखिया DM प्रतापगढ़ क्या ये बतायेंगे कि ऐसे भ्रष्ट अफसरों की गिरफ्तारी कब करायेंगे ??? या सिर्फ दिखाने के लिए ही मुकदमा लिखया गया है...???
पूर्व CDO प्रतापगढ़ राजकमल यादव के जाते ही प्रतापगढ़ की एक-एक ब्लाक के भ्रष्टाचार की परत दर परत खुलती जा रही है। क्या इसी डर से नए CDO प्रतापगढ़ डी पी सिंह नहीं आ रहे हैं कि पुराने हाकिम के घपले घोटाले को कौन झेलेगा ? खाए कोई और भरे कोई...!!!
पूर्व CDO प्रतापगढ़ राजकमल यादव के जाते ही प्रतापगढ़ की एक-एक ब्लाक के भ्रष्टाचार की परत दर परत खुलती जा रही है। क्या इसी डर से नए CDO प्रतापगढ़ डी पी सिंह नहीं आ रहे हैं कि पुराने हाकिम के घपले घोटाले को कौन झेलेगा ? खाए कोई और भरे कोई...!!!
प्रतापगढ़। राज्य सरकार और केंद्र सरकार गाँवों की सूरत बदलने के लिए दिल खोलकर धन दे रही हैं और उसी तरह विकास के लिए गाँव सभा में निर्वाचित ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी से लेकर ए डी ओ पंचायत,BDO और उनकी पूरी लूटतंत्र की टीम उस बजट में ऐसी डकैती डालती है कि सुनने और देखने के बाद आँखे खुली की खुली रह जाती हैं। अपनी लोकप्रियता का ढिंढोरा पीटने वाले तेज तर्रार भाजपा के युवा विधायक अभय कुमार उर्फ धीरज ओझा की विधान सभा रानीगंज क्षेत्र की ब्लाकों में विकास के नाम पर विभागीय अधिकारियों ने जमकर खेल किये। अभी तक जो खुलासे खुलकर सामने आए हैं,उनमें गौरा और शिवगढ़ ब्लॉक में जमकर भ्रष्टाचार किया गया। अब एक ब्लाक की गतिविधियों को देखने और उन कार्यों के निरीक्षण के लिए विकास भवन में जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO),जिला विकास अधिकारी (DDO),डी सी मनरेगा/नरेगा,परियोजना निदेशक(PD)DRDA एवं मुख्य विकास अधिकारी (CDO)का दायित्व होता है कि ब्लाकवार हो रहे विकास कार्यों की निगरानी करना और सरकार द्वारा जारी बजट को धरातल पर विकास कार्यों में लगवाना। इसके लिए सरकार ने इन सभी अधिकारियों को सरकारी साधन की सुविधा दे रखी है। ईधन व चालक की व्यवस्था अलग से है।
इन सबके अतिरिक्त जिले के मुखिया जिलाधिकारी को सुपर पॉवर देकर जिले में बैठाया जाता है। उनका भी प्रमुख जिम्मेदारी होती है कि सरकारी धन जिस कार्य के लिए आवंटित हुआ हो वो कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न हो। इतनी व्यवस्था के बाढ़ भी विकास कार्यों के लिए जो सरकारी धन आवंटित हुआ उसमें विभागीय अधिकारियों द्वारा कैसे डकैती डाल दी गई। यही नहीं देश में हर कदम पर जनप्रतिनिधियों की व्यवस्था है। गाँव में ग्राम प्रधान और क्षेत्र में क्षेत्र पंचायत सदस्य और ब्लाक में ब्लाक प्रमुख एवं जिला पंचायत सदस्य सहित जिला पंचायत अध्यक्ष की व्यवस्था है। इन्हें पंचायत प्रतिनिधि कहते हैं। इन सबके आका सांसद, विधायक, MLC हैं। इन सबके सुपर आका मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री होते हैं। फिर भी विकास के नाम पर सरकारी धन में घपले और घोटाले करना समझ के परे है। सिर्फ मजे लेने के लिए ये कह देना कि देश का प्रधान सेवक/प्रधान चौकीदार के राज्य में भी घपले और घोटाले किये जा रहे हैं। भ्रष्टाचार की कड़ी एक दूसरे से जुड़ी हुई है। ये कैंसर रोग की तरह देश को बर्बाद कर रही है। निश्चित रूप से इसमें प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से इन सबकी भूमिका संदिग्ध है। ये घोटाला जो गौरा और शिवगढ़ में विकास कार्यों के लिए आवंटित धन में से 35.88 लाख का घोटाला हुआ वो तो सिर्फ पतेली के उस चावल सरीखे है,जिसके एक चावल को छू लेने मात्र से ये तय हो जाता है कि पतेली का पूरा चावल पक गया है।
प्रतापगढ़ जैसे जनपद में 17ब्लाक हैं। अब इन 17ब्लाकों को निष्पक्ष रूप से ईमानदारी के साथ जाँच कर ली जाये तो सभी ब्लाकों में करोड़ों रुपये के घपले व घोटाले खुलकर सामने आयेंगे। मोदी और योगी सरकार में भी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की युगलबंदी ने ऐसी लूट मचा रखी है कि मोहम्मद गोरी की तुलना करना कम है। जबकि देश के प्रधानमंत्री जो स्वयं को प्रधान चौकीदार कहते हैं और उनका ये कथन कि न खाऊंगा न खाने दूँगा भी जुमला साबित हो रहा है। चूँकि भारत देश गाँवों का देश है और गाँव को विकसित करने के लिए जो धन आवंटित होते हैं उसमें इतने व्यापक तरीके से व्यवस्था में शामिल लोग ही डकैती डाल रहे हैं तो ऐसी डकैती को भगवान स्वयं चौकीदार बनकर खड़े हो तो भी नहीं रोका जा सकता। क्योंकि जब सबकी अंतरात्मा मर गई है और वो अनैतिक हो चुके हैं तो उनसे उम्मीद करना ही बेकार है। सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ कहते हैं कि भ्रष्टाचारियों का स्थान जेल है। प्रतापगढ़ में CDO रहे राजकमल यादव जो आई ए एस रहे और उनके कार्यकाल में जिस तरह संगठित और सुनियोजित तरीके से विकास कार्यों के लिए धन पर डकैती डाली गई वो पूर्व के सभी CDO के रिकार्ड को ध्वस्त कर दिया है। योगी और मोदी की सरकार ऐसे भ्रष्ट अफसर पर कार्यवाही कराने का साहस जुटा पायेगी...???
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