योगीराज में जनपद प्रतापगढ़ में दर्जनों कार्यालयाध्यक्ष की कुर्सी खाली, उधार से चलाया जा रहा कार्य,कैसे होगा विकास...???
![]() |
पुरानी बोतल नई शराब वाला फार्मूला अपनाते हुए प्रतापगढ़ जिला प्रशासन मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को कराया सम्पन्न... |
सरकार चलाने के लिए एक सिस्टम बनाना पड़ता है और उसी सिस्टम के तहत सारे कार्य सम्पन्न होते हैं l सरकार तो बदलती रहती है,परन्तु सरकार को चलाने वाले ब्यूरोक्रेट्स तो वही रहते हैं l ब्यूरोक्रेसी को इस बात का अभिमान हुआ करता है कि विना उसके तो पत्ता भी नहीं हिल सकता l फिर यही ब्यूरोक्रेसी का घमंड किसी भी चुनी हुई लोकतान्त्रिक सरकार के लिए सल्फास का काम करती है l सरकार में मुख्यमंत्री हो अथवा उसके कैबिनेट मंत्री या स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री सबको कार्य उन्हीं ब्यूरोक्रेट्स से ही लेने होते हैं l जिस तरह एक साईकिल को दो पहिये होते हैं और साईकिल तभी ठीक से चल सकेगी जब उसके दोनों पहिये सही सलामत हों ! अब सरकार में मुख्यमंत्री और उसके कैबिनेट मंत्री आदेश कुछ दें और उसका पालन तो उन्हीं ब्यूरोक्रेट्स को ही करने होते हैं l यदि मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट मंत्री का तालमेल ब्यूरोक्रेट्स से ठीक नहीं तो सरकार किसी भी हाल में सफल नहीं हो सकती l कहावत है कि बांधे बनिया बाज़ार नहीं लगती !
अब आते हैं असल मुद्दे पर सूबे के मुखिया का मन हुआ कि क्यों न जिलों का दौरा कर गाँवों में जनता के बीच चौपाल लगाकर अपनी सरकार के कार्यों की सही स्थिति का आंकलन किया जाए कि वास्तव में जो धन केंद्र सरकार और प्रदेश की सरकार जनता की सुख सुविधा के लिए जिलेवार आवंटित कर विकास कार्यों के लिए खर्च कर रही है,वो क्या धरातल पर खर्च किये जा रहे हैं अथवा सब धन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रहा है l इन्हीं हकीकतों को जानने के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ जी प्रतापगढ़ जनपद में अपना कार्यक्रम आनन-फानन में लगाकर पंचम तल से जब जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय लिखित में सूचना शासन से प्रेषित की गई तो जिला प्रशासन के हाथ पाँव फूल आए l फिलहाल मरता क्या न करता वाली स्थिति में जिला प्रशासन आ चुका था l तय समय पर सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ जनपद प्रतापगढ़ आए और उन्हें जिला प्रशासन अपने ढंग से जहाँ उसे सही लगा वहाँ वो ले गया l कार्यक्रम में सिविल लाइन करनपुर दलित बस्ती में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम था,परन्तु वहां उन्हें नहीं ले जाया गया l वजह जिला प्रशासन जाने ! इसी तरह जिला अस्पताल के बाद तहसील सदर और कोतवाली नगर का भ्रमण मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल था,परन्तु वो भी अंत में टाल दिया गया l मुख्यमंत्री को कंधई मधुपुर में रात्रि प्रवास करना था,सो उन्हें समय से वहां ले जाया गया l
PWD दफ्तर से कटरा तक जाने वाली रोड़ जो विगत 2 वर्षों से उखाड़ कर वैसे ही छोड़ दी गई है l किसी तरह विकास भवन के आगे फुलवरिया तक मारे मीजे सड़क काली हो सकी l मुख्यमंत्री जी को कटरा वाली सड़क न दिखाकर चंदौका वाली सड़क का निरीक्षण कराया गया l चौपाल में मुख्यमंत्री का तेवर देखते ही बन रहा था,परन्तु जिला प्रशासन ने रात्रि में पता नहीं कौन सी घुट्टी उन्हें पिलाई कि सुबह मुख्यमंत्री का पारा स्वतः लुढ़का हुआ था l स्कूल चलो अभियान की झंडी दिखाकर मुख्यमंत्री का उड़नखटोला उड़ गया l कंधई मधुपुर में ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी और उनके दल्ले रात्रि भर शौंचालय जिनके यहाँ बनकर तैयार थे और उनका पैसा निकालकर सिस्टम में शामिल लोग डकार गए थे,उन्हें डकारे हुए धन की उल्टी हुई और रात्रि भर धन का वितरण किया जाता रहा l मुख्यमंत्री के नाक के नीचे ये सब होता रहा और उन्हें इन सब बातों को भनक तक न लग सकी l ये सब देखकर आम जनता फिलहाल हैरान व परेशान है l सबसे अधिक परेशानी तो उस समय हुई जब जिला कार्यक्रम अधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी के नाम का पुराना बैनर मुख्यमंत्री के आगमन पर लगाकर उनका स्वागत कर दिया गया l जिला कार्यक्रम अधिकारी के पद पर पवन कुमार यादव की तैनाती है और जिला कार्यक्रम अधिकारी के नाम का बैनर जो लगा उसमें संतोष कुमार श्रीवास्तव का नाम लिखा हुआ है l
अब आते हैं असल मुद्दे पर सूबे के मुखिया का मन हुआ कि क्यों न जिलों का दौरा कर गाँवों में जनता के बीच चौपाल लगाकर अपनी सरकार के कार्यों की सही स्थिति का आंकलन किया जाए कि वास्तव में जो धन केंद्र सरकार और प्रदेश की सरकार जनता की सुख सुविधा के लिए जिलेवार आवंटित कर विकास कार्यों के लिए खर्च कर रही है,वो क्या धरातल पर खर्च किये जा रहे हैं अथवा सब धन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रहा है l इन्हीं हकीकतों को जानने के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ जी प्रतापगढ़ जनपद में अपना कार्यक्रम आनन-फानन में लगाकर पंचम तल से जब जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय लिखित में सूचना शासन से प्रेषित की गई तो जिला प्रशासन के हाथ पाँव फूल आए l फिलहाल मरता क्या न करता वाली स्थिति में जिला प्रशासन आ चुका था l तय समय पर सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ जनपद प्रतापगढ़ आए और उन्हें जिला प्रशासन अपने ढंग से जहाँ उसे सही लगा वहाँ वो ले गया l कार्यक्रम में सिविल लाइन करनपुर दलित बस्ती में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम था,परन्तु वहां उन्हें नहीं ले जाया गया l वजह जिला प्रशासन जाने ! इसी तरह जिला अस्पताल के बाद तहसील सदर और कोतवाली नगर का भ्रमण मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल था,परन्तु वो भी अंत में टाल दिया गया l मुख्यमंत्री को कंधई मधुपुर में रात्रि प्रवास करना था,सो उन्हें समय से वहां ले जाया गया l
PWD दफ्तर से कटरा तक जाने वाली रोड़ जो विगत 2 वर्षों से उखाड़ कर वैसे ही छोड़ दी गई है l किसी तरह विकास भवन के आगे फुलवरिया तक मारे मीजे सड़क काली हो सकी l मुख्यमंत्री जी को कटरा वाली सड़क न दिखाकर चंदौका वाली सड़क का निरीक्षण कराया गया l चौपाल में मुख्यमंत्री का तेवर देखते ही बन रहा था,परन्तु जिला प्रशासन ने रात्रि में पता नहीं कौन सी घुट्टी उन्हें पिलाई कि सुबह मुख्यमंत्री का पारा स्वतः लुढ़का हुआ था l स्कूल चलो अभियान की झंडी दिखाकर मुख्यमंत्री का उड़नखटोला उड़ गया l कंधई मधुपुर में ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी और उनके दल्ले रात्रि भर शौंचालय जिनके यहाँ बनकर तैयार थे और उनका पैसा निकालकर सिस्टम में शामिल लोग डकार गए थे,उन्हें डकारे हुए धन की उल्टी हुई और रात्रि भर धन का वितरण किया जाता रहा l मुख्यमंत्री के नाक के नीचे ये सब होता रहा और उन्हें इन सब बातों को भनक तक न लग सकी l ये सब देखकर आम जनता फिलहाल हैरान व परेशान है l सबसे अधिक परेशानी तो उस समय हुई जब जिला कार्यक्रम अधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी के नाम का पुराना बैनर मुख्यमंत्री के आगमन पर लगाकर उनका स्वागत कर दिया गया l जिला कार्यक्रम अधिकारी के पद पर पवन कुमार यादव की तैनाती है और जिला कार्यक्रम अधिकारी के नाम का बैनर जो लगा उसमें संतोष कुमार श्रीवास्तव का नाम लिखा हुआ है l
![]() |
CM दौरे के दौरान DPO पवन कुमार यादव के रहते CDPO संतोष कुमार श्रीवास्तव के नाम का लगा बैनर... |
संतोष कुमार श्रीवास्तव CDPO हैं,जिन्हें DPO का प्रभार मिला था और उसी वजह से उन्हें जिला स्तरीय अधिकारी का दूसरा चार्ज जिला सूचना अधिकारी का भी दे दिया गया था,जो आज भी कायम है l मजे के बात ये रही कि जिला सूचना अधिकारी का चार्ज राजपत्रित अधिकारी को ही दिया जा सकता है,परन्तु योगी राज में सब धान बाईस पसेरी है l यही हाल अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में रहा l CDPO संतोष कुमार श्रीवास्तव को DPO पद से उस समय हटाया गया जब उस पद पर DPO पवन कुमार यादव आकर जिले में अपनी ज्वाइनिंग दी l CDPO संतोष कुमार श्रीवास्तव को आज भी जिला सूचना अधिकारी का चार्ज दिया गया है l जबकि संतोष कुमार श्रीवास्तव नॉन गस्टेड अधिकारी यानि अराजपत्रित हैं l जिला सूचना अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पद पर उधार के अधिकारी और रिटायर्ड अधिकारी व कर्मचारी से कार्य लिया जा रहा है l पूर्व जिला सूचना अधिकारी जे एन यादव की कृपा पर जिला सूचना कार्यालय चल रहा है l जिला सूचना अधिकारी का CUG नम्बर एक बाबू के पास रहता है l सरकार और जिला प्रशासन की सारी सूचनाओं को जनता तक पहुंचाने का कार्य मीडिया के माध्यम से सूचना विभाग का ही होता है,परन्तु प्रतापगढ़ का जिला सूचना विभाग खुद बीमार है l
कमोवेश यही हाल स्वास्थ्य महकमे का भी रहा l जिला अस्पताल में एक अदद CMS की तैनाती स्वास्थ्य विभाग करने में असफल है l सालों से प्रभारी CMS कार्य देख रहे हैं l इतनी बड़ी जिला अस्पताल में सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ के स्वागत एवं अस्पताल भ्रमण के लिए प्रतापगढ़ जिला अस्पताल के प्रभारी CMS डॉ संजय कुमार शर्मा को अपने यहाँ से एक अदद कोई स्टाफ नहीं मिला l तभी तो NRHM के तहत किसी संस्था से अस्पताल मनेजमेंट की ट्रेनिंग ले रही डॉ अवन्तिका पाण्डेय BDS को इसके लिए चुना गया l जिला अस्पताल में स्वीकृत पद के हिसाब से किसी की तैनाती नहीं है l सुबिधाएं न के बराबर l ज्यादातर मरीज इलाहाबाद रेफर कर दिए जाते हैं l अब बात करते हैं प्रतापगढ़ में मुख्य चिकित्साधिकारी के कार्यकाल का और उनके जाने के बाद से मुख्यमंत्री के आगमन के बीच में CMO के चार्ज का ! CMO के रूप में डॉ. आर के नैय्यर के बाद डॉ. हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव को प्रभारी CMO बनाया गया l जिनकी इलाहाबाद में बहुत बड़ी हॉस्पिटल है,जिसका नाम मोहक हॉस्पिटल है l
CMO प्रतापगढ़ रहते ये अपनी हॉस्पिटल की ओ पी डी करते रहे और स्वास्थ्य महकमा विरादरीवाद में मस्त रहा l अभी कुछ दिन पहले उन्होंने VRS लिया, जिसके बाद CMO प्रतापगढ़ के पद पर पुनः प्रभारी CMO डॉ. S.C.L DWIVEDI के रूप में थोपा गया l इन्हीं के कार्यकाल में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम सम्पन्न सम्पन्न हुआ l मुख्यमंत्री के जाने के बाद नए CMO की तैनाती की गई l मजे की बात ये रही कि जो बैनर मुख्यमंत्री के स्वागत और आयोजन में लगे थे,उसमें CMO के रूप में डॉ आर के नैय्यर का ही नाम प्रकाशित किया गया,जो हैरान करने वाला रहा l जबकि डॉ आर के नैय्यर कब के प्रतापगढ़ से जा चुके हैं l ये सब देखकर तो यही लगता है कि "पुरानी बोतल,नई शराब" वाला फार्मूला प्रतापगढ़ जिला प्रशासन अपना कर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को सम्पन्न कराया l इससे तो यही प्रतीत होता है कि 1अप्रेल का फूल-डे प्रतापगढ़ जिला प्रशासन 23 अप्रेल को उस वक्त मनाया जब सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ जनपद के प्रथम आगमन पर प्रतापगढ़ के दौरे पर आए l इस तरह पुराने बैनर को लगाकर प्रतापगढ़ का जिला प्रशासन अपने ही मुखिया को उस वक्त फूल बना दिया जब वो जनपद प्रतापगढ़ में एक रात्रि प्रवास के लिये आए थे l
कमोवेश यही हाल स्वास्थ्य महकमे का भी रहा l जिला अस्पताल में एक अदद CMS की तैनाती स्वास्थ्य विभाग करने में असफल है l सालों से प्रभारी CMS कार्य देख रहे हैं l इतनी बड़ी जिला अस्पताल में सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ के स्वागत एवं अस्पताल भ्रमण के लिए प्रतापगढ़ जिला अस्पताल के प्रभारी CMS डॉ संजय कुमार शर्मा को अपने यहाँ से एक अदद कोई स्टाफ नहीं मिला l तभी तो NRHM के तहत किसी संस्था से अस्पताल मनेजमेंट की ट्रेनिंग ले रही डॉ अवन्तिका पाण्डेय BDS को इसके लिए चुना गया l जिला अस्पताल में स्वीकृत पद के हिसाब से किसी की तैनाती नहीं है l सुबिधाएं न के बराबर l ज्यादातर मरीज इलाहाबाद रेफर कर दिए जाते हैं l अब बात करते हैं प्रतापगढ़ में मुख्य चिकित्साधिकारी के कार्यकाल का और उनके जाने के बाद से मुख्यमंत्री के आगमन के बीच में CMO के चार्ज का ! CMO के रूप में डॉ. आर के नैय्यर के बाद डॉ. हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव को प्रभारी CMO बनाया गया l जिनकी इलाहाबाद में बहुत बड़ी हॉस्पिटल है,जिसका नाम मोहक हॉस्पिटल है l
CMO प्रतापगढ़ रहते ये अपनी हॉस्पिटल की ओ पी डी करते रहे और स्वास्थ्य महकमा विरादरीवाद में मस्त रहा l अभी कुछ दिन पहले उन्होंने VRS लिया, जिसके बाद CMO प्रतापगढ़ के पद पर पुनः प्रभारी CMO डॉ. S.C.L DWIVEDI के रूप में थोपा गया l इन्हीं के कार्यकाल में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम सम्पन्न सम्पन्न हुआ l मुख्यमंत्री के जाने के बाद नए CMO की तैनाती की गई l मजे की बात ये रही कि जो बैनर मुख्यमंत्री के स्वागत और आयोजन में लगे थे,उसमें CMO के रूप में डॉ आर के नैय्यर का ही नाम प्रकाशित किया गया,जो हैरान करने वाला रहा l जबकि डॉ आर के नैय्यर कब के प्रतापगढ़ से जा चुके हैं l ये सब देखकर तो यही लगता है कि "पुरानी बोतल,नई शराब" वाला फार्मूला प्रतापगढ़ जिला प्रशासन अपना कर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को सम्पन्न कराया l इससे तो यही प्रतीत होता है कि 1अप्रेल का फूल-डे प्रतापगढ़ जिला प्रशासन 23 अप्रेल को उस वक्त मनाया जब सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ जनपद के प्रथम आगमन पर प्रतापगढ़ के दौरे पर आए l इस तरह पुराने बैनर को लगाकर प्रतापगढ़ का जिला प्रशासन अपने ही मुखिया को उस वक्त फूल बना दिया जब वो जनपद प्रतापगढ़ में एक रात्रि प्रवास के लिये आए थे l
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें