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गुरुवार, 10 मई 2018

घपले और घोटालेबाजों पर मेहरबान हैं,प्रतापगढ़ के अफसर

पूर्व फील्ड ऑफिसर करुणापति त्रिपाठी द्वारा कार्यालय-राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना, प्रतापगढ़ में करोड़ो रुपये के घपले घोटालेबाज के जनक को पुनः प्रोग्राम मैनेजर पद पर भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा चयनित किये जाने की हुई शिकायत...!!!
राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,गृहमंत्री,राज्यपाल,मुख्यमंत्री,श्रम मंत्री मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, मंडलायुक्त,इलाहाबाद मंडल इलाहाबाद सहित जिलाधिकारी प्रतापगढ़ से राघवेन्द्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने की है शिकायत...!!!
केंद्र में मोदी सरकार सिर्फ इस मुद्दे पर आई थी कि केंद्र में 10 वर्ष की संप्रग सरकार में घ्मले और घोटाले होते रहे या कह लीजिये कि जैसे घपले और घोटाले की देश में बाढ़ सी आ गई l इसी तरह से सूबे में वर्ष 2007 में मुलायम सिंह के कार्यकाल में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा उभर कर आया था जिससे जनता तंग आकर कई वर्षो बाद प्रदेश में बसपा को पूर्ण बहुमत की सरकार बनी,परन्तु मायावती की सरकार पर भी भ्रष्टाचार भारी रहा l  नतीजा ये रहा कि वर्ष 2012 में प्रदेश का यूथ अखिलेश यादव को पूर्ण बहुमत देकर नवजवान पर अपनी एक दांव आजमाया l अखिलेश यादव की सरकार भी भ्रष्टाचार से अपना दामन साफ़ न कर सकी l प्रदेश की सरकारे ये कहकर अपना पिंड छुड़ा लेती रही कि केंद्र में उनकी सरकार नहीं है l ये योजना केंद्र सरकार की वजह से खराब हुई l इस लफड़े को भी प्रदेश की जनता ने खत्म करते हुए वर्ष-2017 में हुए चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत देकर इस बहाने से भी सरकार चलाने वालों का मुंह बंद कर दिया l सूबे में एक वर्ष हो गए योगी सरकार बने,परन्तु योगी सरकार में भी भ्रष्टाचार समाप्त होने को कौन कहे बल्कि बढ़ता ही जा रहा है l सूबे की नौकरशाही तो इतनी बेहया और निरंकुश है कि उसे जरा सा भय नहीं कि उसके द्वारा किये गए कार्य से सरकार की छवि खराब होगी और आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका दुष्प्रभाव मोदी और योगी सरकार पर निश्चित रूप से पड़ेगा l 
जनपद प्रतापगढ़ में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना,प्रतापगढ़ में परियोजना को संचालित करने हेतु एक सुनियोजित प्लान के मुताविक पूर्व संचालित पद फील्ड ऑफिसर के पदनाम को बदलवाकर प्रोग्राम मैनेजर कर उस पर ऐसे ब्यक्ति का चयन जान बूझकर किया गया जो पूर्व में फील्ड ऑफिसर पद पर रहते हुए कार्यालय-राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना, प्रतापगढ़ में तीन अलग-अलग संस्था के नाम विशेष बाल श्रमिक विद्यालय का आवंटन अधिकारियों से मिलीभगत कर स्वयं फील्ड आफिसर रहते कुल 39 विद्यालयों में 5 विद्यालय अपने संस्था को दे दिया l पहली संस्था- भारतीय लोक कल्याण सेवा संस्थान ए डी ए कालोनी, नैनी, इलाहाबाद को विशेष बाल श्रमिक विद्यालय खरवई चखईपुर,प्रतापगढ़ में एक विद्यालय और दूसरा विद्यालय खरवई बड़ी प्रतापगढ़ में आवंटित हुआ था l 
दूसरी संस्था- राज नारायण स्मारक शिक्षा संस्थान, ठढ़ विलार, करछना, इलाहाबाद को भी 2 विद्यालय आवंटित किया गया (1)- विशेष बाल श्रमिक विद्यालय पूर माफीदार, प्रतापगढ़ (2)-दूसरा विद्यालय पूरे टिले भगत, प्रतापगढ़ एवं तीसरी संस्था- ह्यूमेन वेलफेयर सोसाइटी, अतरी खुर्द, इलाहाबाद विशेष बाल श्रमिक विद्यालय देवसड़ा, प्रतापगढ़ को एक विद्यालय आवंटित किया गया l इस तरह सिर्फ प्रतापगढ़ जनपद में कार्यालय-राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना, प्रतापगढ़ के फील्ड ऑफिसर पद पर रहते हुए 5 विद्यालयों का आवंटन किया गया l मजे की बात ये रही कि राज नारायण स्मारक शिक्षा संस्थान, ठढ़ विलार, करछना, इलाहाबाद एवं ह्यूमेन वेलफेयर सोसाइटी, अतरी खुर्द, इलाहाबाद के सचिव रहते करुणापति त्रिपाठी अपनी संस्था को फील्ड ऑफिसर पद पर रहते विशेष बाल श्रमिक विद्यालय को आवंटित कर दिया और मौके पर एक भी विद्यालय नहीं चलाये गए l सिर्फ कागज़ पर 5 विद्यालयों को संचालित किया गया, क्योंकि फील्ड ऑफिसर पद पर रहते हुए जांच अधिकारी के रूप में करुणापति त्रिपाठी सभी 5 विद्यालयों को संचालित कराया जिसकी सामूहिक शिकायत हुई तो तत्कालीन सहायक सूचना निदेशक/परियोजना निदेशक राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना, प्रतापगढ़ विनोद कुमार पाण्डेय द्वारा जांच की गई तो सामूहिक शिकायती प्रार्थना में लगाए गए आरोप सही पाए गए l जांच रिपोर्ट के आधार पर आयुक्त, इलाहाबाद मंडल,इलाहाबाद को प्रेषित पत्र में तत्कालीन  जिलाधिकारी, प्रतापगढ़ डॉ बलकार सिंह ने करुणापति त्रिपाठी के ऊपर शिकायती पत्रों में लगे आरोपों और जांच अधिकारी की स्पष्ट जांच रिपोर्ट को आधार मानते हुए की पुष्टि करते हुए ह्यूमेन वेलफेयर सोसाइटी, अतरी खुर्द, इलाहाबाद विशेष बाल श्रमिक विद्यालय देवसड़ा, प्रतापगढ़ को काली सूची में डालने की सूचना अपने पत्र संख्या-876 दिनांक- 25/06/2009 को प्रेषित पत्र में किया था l 
इसी तरह 24 जुलाई,2012 को कमला कान्त तत्कालीन जिला बचत अधिकारी/परियोजना निदेशक,राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना,प्रतापगढ़ द्वारा उपश्रमायुक्त,उ.प्र. इलाहाबाद क्षेत्र, इलाहाबाद को प्रेषित पत्र में उल्लेखित किया गया था कि जनपद की परियोजना में विगत वर्षों में करोड़ों रुपयों का घोटाला हुआ है l जिसके फलस्वरूप नियत मानदेय पर कार्यरत रहे फील्ड ऑफिसर की वित्तीय अनियमितता के कारण सेवा से मुक्त कर दिया था तथा नियत मानदेय पर कार्यरत रहे एकाउंटेंट फरार चल रहे हैं l मात्र एक चपरासी मानदेय पर कार्यरत है तथा मई, 2011 से इस परियोजना के कार्यालय में ताला बंद है और संचालित नहीं है l इससे किसी प्रकार की प्रगति की सूचना उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं हो पा रहा है l ताज्जुब की बात ये है कि वर्तमान में श्री करुणापति त्रिपाठी (जो पूर्व फील्ड ऑफिसर, राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना, प्रतापगढ़ के नियत मानदेय) एवं बिना संचालित 39 विद्यालयों के भुगतान को विधि विरुद्ध ढंग से संस्था के खाते में भुगतान कर दिया गया l छात्रों को मिलने वाली स्कालरशिप एवं विशेष बाल श्रमिक विद्यालय को संचालित करने के लिए नियुक्त स्टाफ के भुगतान को स्पष्ट निर्देश के बावजूद उनके खाते में न देकर घपले और घोटालेबाज रहे फील्ड ऑफिसर करुणापति त्रिपाठी की संस्था जो जिलाधिकारी ने ब्लैक लिस्टेड किया था,उस संस्था के खाते में भुगतान कर दिया गया l 
वर्तमान में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना के अंतर्गत प्रतापगढ़ में विशेष बाल श्रमिक विद्यालयों को निकट भविष्य में संचालित करने के लिए निर्धारित मानदेय पर फील्ड ऑफिसर पद के स्थान पर प्रोगाम मैनेजर पद का सृजन किया गया l उसके लिए 04 मार्च, 2018 को दैनिक हिन्दुस्तान में एक पद प्रोग्राम मैनेजर, एक पद क्लर्क कम एकाउंटेंट,एक पद स्टेनो/डाटा इंट्री ऑपरेटर एवं एक पद हेल्पर/चपरासी के लिए प्रकाशित हुआ, जिसकी साक्षात्कार तिथि 07अप्रेल, 2018 को निर्धारित किया गया l प्रोगाम मैनेजर पद करुणापति त्रिपाठी जो पूर्व में फील्ड ऑफिसर रहते हुए करोड़ो रूपये के घपले और घोटाले किये उन्हें ही भ्रष्ट अधिकारियों ने मोटी रकम लेकर प्रोग्राम मैनेजर के पद पर चयन किया है l शिकायतकर्ता ने अपने शिकायती प्रार्थना पत्र में फरियाद किया है कि उक्त प्रकरण अति सवेदनशील है और भ्रष्टाचारियों से जुड़ा है l केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कड़े फैसले लेकर कार्यवाही की बातें तो करती हैं,परन्तु भ्रष्टाचार के आकंठ डूबी वर्तमान ब्यूरोक्रेसी ने ब्लैक लिस्टेड संस्था और उसके सचिव करुणापति त्रिपाठी को भुगतान कर पुनः भ्रष्टाचार का कीर्तिमान स्थापित करने के लिए उसी भ्रष्ट पूर्व फील्ड ऑफिसर को प्रोग्राम मैनेजर के पद पर नियुक्त किया है,जिसकी उच्च स्तरीय जांच कर इस भ्रष्टाचार में शामिल सभी लोंगो के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही  की जाए...!!!

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