हमारी आपकी प्यास और लाखों गरीबों के पेट की आग बुझाएगी यह पहल
गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। इस मौसम की शुरुआत के साथ ही कोई अतिथि आपके घर आये या फिर आप अतिथि के रूप में किसी के घर जाएं। एक प्रश्न सबसे पहले अवश्य पूछा जाता है कि फ्रिज वाला ठंढा पानी पियेंगे या कम ठंढा पानी पियेंगे...??? सामान्यतः 80 से 90 प्रतिशत लोग कम ठंढा पानी ही मांगते हैं। तब कवायद शुरू होती है फ्रिज के ठंढे पानी मे सादा पानी मिलाकर उसे कम ठंढा करने की। लेकिन यह मिश्रण प्राकृतिक ठंढे पानी की बराबरी नहीं कर पाता। थोड़ी ही देर में प्यास पुनः जग जाती है। अनेक चिकित्सकीय रिपोर्टें भी अब यह सिद्ध कर चुकी हैं कि फ्रिज का चिल्ड पानी शरीर के लिए अत्यन्त घातक है। ऐसे में अब फिर याद आती है उन मटकों और सुराहियों की जिन्हें वर्षों पूर्व फ्रिज ने घरों से बाहर कर दिया। अतः घर के एक कोने में उन मटकों/सुराहियों को एकबार फिर से स्थान दीजिये। हमारी आपकी यह पहल आपकी और आपके अतिथियों की प्यास तो बुझाएगी ही साथ ही साथ उन लाखों गरीबों (कुम्हारों) के पेट की आग भी बुझाएगी जो इन्हें बनाते और बेचते हैं तथा वर्षों पूर्व फ्रिज ने जिनसे उनकी आजीविका का सहारा छीनकर बेरोजगारी की कगार पर पहुंचा दिया था।
सुराही का अपना अलग ही अंदाज होता है... |
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