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शुक्रवार, 6 अप्रैल 2018

हमारा सांसद कैसा हो...? फलाने भईया जैसा हो...!!!


70साल के बाद भी मतदाताओं की कृपा पर निर्वाचित हो रहे हैं,अजब-गजब सांसद...!!!
 गोरखपुर नवनिर्वाचित सांसद प्रवीण कुमार निषाद का लेटर पैड...
ये नारे सिर्फ चुनावी माहौल में सुनना अच्छा लगता है l देश की स्वतंत्रता को 70 वर्ष से अधिक हो गए,परन्तु हमारे नीति निर्धारण करने वाले माननीय सांसद महोदय की योग्यता का निर्धारण न हो सका l जिसे शुद्ध हिंदी भी न लिख पाए वो हमारे देश की सर्वोच्च संवैधानिक संस्था संसद भवन में बैठकर कानून बनते समय उसकी स्वीकृति में अपनी सहमति दे l क्या हमारे देश के जनप्रतिनिधियों की योग्यता नहीं तय होनी चाहिए ? जब एक निर्वाचित सांसद को शुद्ध रूप से हिंदी भी लिखना न आये तो उससे क्षेत्र और समाज के विकास की उम्मीद करना ही बेईमानी होगी l अभी हालिया उप चुनाव में गोरखपुर और फूलपुर संसदीय क्षेत्र में लोकसभा की 2 अहम सीटों पर चुनाव हुए l चुनाव में ये दोनों सीटें बहुत महत्वपूर्ण रही l लिहाजा सत्ता पक्ष और समूचा विपक्ष जी जान से चुनावी समर में हर दांव आजमायें l सत्ता पक्ष को हार का सामना करना पड़ा और समूचा विपक्ष एकजुट होकर दोनों सीटें तो निकाल ली परन्तु समाजवादी पार्टी से प्रवीण कुमार निषाद को क्षेत्र की जनता ने अपना भाग्य विधाता मानते हुए उन्हें अपना सांसद चुना l प्रवीण कुमार निषाद को क्षेत्र की जनता ने चुनाव तो जितवा दिए परन्तु उनका पहला लेटर पैड जब सार्वजानिक हुआ तो लोग देखकर दंग रह गए l नवनिर्वाचित सांसद गोरखपुर प्रवीण कुमार निषाद के लेटर पैड पर प्रेस कांफ्रेस के लिए जो शब्द चयन किये गए उसमें कई शब्द अशुद्ध हैं l पत्र देखकर ताज्जुब होता है कि अजब गजब हमारे जनप्रतिनिधि चुन लिए जाते हैं l सांसद महोदय अपने नाम से पहले ई. लिखे हैं l अब ई. का मतलब तो इंजीनियर से होता है l यदि नवनिर्वाचित सांसद गोरखपुर प्रवीण कुमार निषाद इंजीनियर हैं तो कैसे इंजीनियर के रूप में वो कार्य करते हैं ? लेटर पैड में लिखे हुए शब्दों की तरह इंजीनियर का भी रोल अदा करते होंगे तो भगवान ही भला करे ऐसे इंजीनियर से...! मेरी बातों पर यकीन न हो तो ये देखिए अपने सांसद के कृत्य को जो देश और क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य को बेहतर करने की दुहाई देते हैं l ऐसे सांसदों को जिन्हें अपनी मातृभाषा हिंदी तक लिखनी नहीं आती क्या वो करेंगे क्षेत्र का विकास...???

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