आज कुशीनगर बिलख रहा है...
रात के 12 बजे तक बच्चों के स्कूल की तैयारी की फिर सुबह 6 बजे से टिफन में छोटी के लिए पास्ता और बड़ी के लिए पसन्दीदा पूरी सब्जी बनाई l दोनों ने गले लगाकर कहा माँ स्कूल के फ्रेंड्स कहते हैं सबसे अच्छा खाना संदली की मम्मी बनाती हैं l रसोई में दो मददगार होने के बाद भी खाना खुद ही बनाती हूँ और बच्चों के टिफिन में अपनी आत्मा निचोड़ के रख देती हूँ l गाड़ी में ड्राईवर और सशस्त्र गार्ड के बाद भी खुद बच्चों को स्कूल छोड़ने जाती हूँ l माँ हूँ एक अनजाना भय हरपल अनमना करता रहता है l आज भी कितनी माँओं ने अपने बच्चों को यूँ ही तैयार कर स्कूल भेजा होगा l आज कुछ बच्चे कभी घर वापिस नहीं आएंगे l कलेजा फटा जा रहा है l आत्मा चिल्ला चिल्ला कर रो रही है l हे ईश्वर तू कहाँ है...? जिसने इतने घरों के चिरागों को बुझा दिया...!!!
साभार :-रोली की फेसबुक वाल से...
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