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मंगलवार, 6 मार्च 2018

वक्त बीतते देर नहीं...

स्मृतिशेष स्व.लालजी रावत...
हमारे दिल के अति करीबी रहे लाल जी रावत का 5 मार्च,2016 के दिन मध्यरात्रि में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था।लालजी रावत पुत्र स्व. राम नारायण, निवासी- धर्मशालवार्ड, सुखदेव सिंह रोड़, थाना- कोतवाली नगर, प्रतापगढ़ जो बहुत ही नेकदिल,सच्चे,कर्मठी और बहादुर इंसान थे।तूफानों से बेपरवाह आम आदमी के लिये लड़ता ज़ाबाज सिपाही आज खामोश हो गया।मैं उन्हें किस रूप में अपना रिश्ता बयान करूं।मेरे पास शब्द ही नहीं हैं।मेरे लिए वो उम्र के लिहाज से पिता तुल्य थे।संघर्ष के लिहाज से उनसे करीबी मेरा दूसरा कोई साथी नहीं।मेरे हर बात का बिना शर्त समर्थन व सहयोग प्रदान करने वाले श्री लालजी रावत का विना बताए यूं ही हमें छोड़कर जाना बहुत अखर रहा है।

मैं उनकी एक-एक बात सोचकर रो रहा हूँ।मेरे जीवन में उनकी कमी कोई पूरा नहीं कर सकता।लालजी रावत के संदर्भ में मैं,विगत 16वर्षों में जो जान सका, उसका चित्रण किया जाय तो वो किसी की परेशानी को,वो अपनी परेशानी मान बैठते थे।आपकी पहुँच यदि छोटी पड़ती थी तो वो जिंदादिल इंसान अपना कन्धा लगाकर खड़ा हो जाता था और उस कन्धे के सहारे उस पीड़ित ब्यक्ति को उसकी छोटी पहुँच को पूर्ण कर देता था।समाजसेवा उनमें कूट-कूटकर समाहित थी।विश्वनाथगंज विधानसभा चुनाव 2012 में जाग्रत भारत पार्टी से वो चुनाव भी लड़े lकुछ ही माह के उपरान्त नगर पालिका के अध्यक्ष पद का चुनाव वर्ष 2012 में निर्दलीय उम्मीदवार रहे। राजनैतिक व सामाजिक परख उनमें खूब रही।
वर्ष-2015 में राष्ट्रपति भवन के सामने का वो यादगार पल...
साहसी,निडर,सहृदय व अपनी बात को बेबाकी से रखने वाले इंसानो में से एक थे,लालजी रावत। चाहे किसी के समक्ष हो...!एकदम बिना झिझक, निःसंकोच अपनी बात को रखते थे। श्री रावत के लिए सबसे बड़ी बात ये कि गलत को गलत और सही को सही कहने से कभी डरे नहीं। स्थान कोई हो,मंच कोई भी,सामने कोई भी,बिना रुके,बिना झुके, उसी बुलंद आवाज में बोल दिया करते थे।ऐसे लोगो की समाज में वैसे ही कमी थी lआज एक ऐसी ही पवित्र व पुण्य आत्मा हमारे बीच नहीं रही। उन्हें बीती रात में जब दिल का दौरा पड़ा तो परिजन समेत उनके अति करीबी वरिष्ठ अधिवक्ता श्री गिरीश चन्द्र सिन्हा उन्हें अपनी कार से नगर की प्राईवेट अस्पतालों और सरकारी अस्पताल का चक्कर लगाते रहे, परन्तु थर्ड क्लास (श्रेणी सी) का जिला प्रतापगढ़ में कोई कार्डियोलाजिस्ट ढंग का नहीं मिला,जो फ्रस्ट ऐड ट्रीटमेंट कर सके।ये जिले का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है।उनका पार्थिव शरीर जब उनके घर पहुंचा तो परिजनों के साथ ईश्वर भी उनकी पवित्र आत्मा के लिए रो दिए।
 पीएमओ के सामने इतिमिनान के वो पल...
स्व.लाजजी रावत भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य भी रहे।उनके निधन से समाज ने एक वास्तविक समाजसेवी व कुशल राजनैतिक ब्यक्ति को खो दिया है।ब्यक्तिगत रूप से हमारी तो बहुत बड़ी क्षति हुई है,जिसकी कमी को पूरा नहीं किया जा सकता।हमारे संरक्षक के रूप में श्री लालजी रावत कल शाम तक थे और आज हमे अकेला छोड़कर इस दुनिया से चले गए।हमें,उन्होंने अपने परिवार से भी बढ़कर माना।उनका मैं ऋणी हूँ lवैसे तो श्री लालजी रावत अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए।उन्हें तो एक लड़का और एक लड़की ही थी, परन्तु अपने अग्रज स्व.गोपाल रावत के तीन बेटों और दो बेटियों को अपने बच्चों से बढ़कर माना।इस तरह अपने 4 पुत्रों के साथ पाचवां पुत्र का दर्जा मुझे हमेशा दिया करते थे।उनके निधन से मुझे अत्यंत पीड़ा हुई थी,जो आज भी कचोटती रहती है।

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