धरी की धरी रह गई MLAडॉ आर के वर्मा की हसरत...
राज्यसभा की चुनावी रणनीति बनाने के लिए मुख्यमंत्री के आवास पर चाय पार्टी के बहाने सभी विधायकों को तलाब किया गया। गठबंधन के विधायकों को साधने के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने ये रणनीति अपनाई। अपना दल एस के विधायकों को मुख्यमंत्री ने चाय पार्टी पर अपने आवास पर बुलाया। उसी क्रम में अपना दल "एस" के विधायक संगम लाल गुप्त और डॉ आर के वर्मा भी चाय पार्टी में शामिल होने मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। प्रतापगढ़ सदर के विधायक संगम लाल और विश्वनाथगंज के विधायक डॉ आर के वर्मा की नजदीकियां अपना दल "एस" से अधिक भाजपा से है।
अपना दल "एस" के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष सिंह को डर था कि कहीं उनके 9 विधायकों को भाजपा शीर्ष नेतृत्व अपने पाले में कर पार्टी को ही नेस्तनाबूत न कर दे। जिस तरह भाजपा के रणनीतिकारों ने उ. प्र. विधान सभा चुनाव-2017 के ठीक पहले एक रणनीति के तहत माँ-बेटी को आपस में लड़ाकर अपना दल का अस्तित्व ही मिटा दिया। अपना दल के संस्थापक स्व. सोनेलाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल का राजनीतिक भविष्य समाप्त कर उन्हीं की बेटी अनुप्रिया पटेल को मोहरा बनाकर उ. प्र. विधान सभा चुनाव-2017 से पहले गठबंधन कर सूबे में 10 सीट उन्हें दे दी और उसमें भी गणित करके अपने खास को अपना दल "एस" से टिकट दिलाकर उन्हें सदन भेजवाने में भाजपा के रणनीतिकार सफल रहे।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं विधायक संगम लाल गुप्ता... |
उ.प्र. विधान सभा चुनाव-2017 के सम्पन्न होने के बाद मंत्रिमंडल में अपना दल "एस" के विधायकों में मंत्री बनने की होड़ लग गई परन्तु आपसी कलह की वजह से सिर्फ एक मंत्री ही योगी सरकार में स्थान पा सका। पटेल समुदाय से आने वाले विश्वनाथगंज के विधायक डॉ आर के वर्मा माँ-बेटी की लड़ाई में अनुप्रिया पटेल का जमकर साथ दिया और उन्हें इसी वजह से प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई। डॉ आर के पटेल की इच्छा योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने की रही,परन्तु राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष सिंह से अच्छी ट्यूनिंग न होने से उनकी इच्छा की पूर्ति न हो सकी।
लोकसभा उप चुनाव फूलपुर में डॉ आर के पटेल को पटेल मत को पाने के लिए जोरदार आजमाइश की गई। चूँकि डॉ आर के पटेल का विधानसभा विश्वनाथगंज की सीमा फूलपुर संसदीय क्षेत्र में आता है। साथ ही डॉ आर के वर्मा का क्लीनिक फूलपुर संसदीय क्षेत्र सोरांव में है। डॉ आर के वर्मा वहां से भी मतदाता हैं और उप चुनाव में उन्होंने अपना मतदान भी किया, जबकि विश्वनाथगंज विधानसभा में भी डॉ आर के वर्मा मतदाता हैं। इस बार भी डॉ आर के वर्मा की किस्मत दगा दे गई। उप चुनाव में भाजपा उम्मीदवार कौशलेन्द्र सिंह पटेल को शिकस्त मिली और डॉ आर के वर्मा की हसरत धरी की धरी रह गई।
अब मौका था राज्यसभा में एक उम्मीदवार के लिए विधायकों में जोड़तोड़ कर उसे राज्यसभा पहुँचाना। एनडीए से टीडीपी और शिवसेना के बाद अपना दल "एस" से भी दूरियां होना शुरू हुई तो भाजपा के रणनीतिकारों ने डॉ आर के वर्मा पर दांव लगाया कि अपना दल "एस" के और विधायकों को वो भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में राज्यसभा में मतदान कराने में सबको एक किये रहने में भाजपा का सहयोग करें। अपना दल "एस" के विधायक संगम लाल गुप्ता पहले से ही भाजपाई खाते से विधायक बने हैं। इस तरह भाजपा 2 विधायक अपने पाले में मान रही है। बाकी विधायकों को भाजपा के पक्ष में करने का दायित्व डॉ आर के वर्मा के ऊपर सौंपा गया है।
राज्यसभा चुनाव से पहले जब मुख्यमंत्री आवास पर चाय पार्टी पर बुलाया गया तो सारे विधायकों के साथ डॉ आर के वर्मा सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी के साथ अपनी ईमेज को चमकाने के लिये उनके साथ उस यादगार पल को कैमरे में कैद कर अपनी फेसबुक वाल पर चेंप दिये, ताकि क्षेत्र की जनता उनके और मुख्यमंत्री के बीच प्रगाढ़ता को समझे। अब प्रतापगढ़ के सदर विधायक संगम लाल गुप्ता मुख्यमंत्री के साथ जब सोफे पर बैठे तो वो भी इस पल को यादगार पल बनाने में पीछे नहीं रहे। वो भी अपनी मुख्यमंत्री के साथ खींची गई फोटो को अपनी फेसबुक वाल पर पोस्ट करना नहीं भूले। उप चुनाव में अपना किला एवं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का गढ़ धवस्त होने के बाद एक वर्ष में ही बुरी तरह शिकस्त खाने के बाद सूबे के मुखिया और पार्टी शीर्ष नेतृत्व को समझ आ गया कि एक वर्ष में विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा ही उसे गर्त में गिराने का काम किया।
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