वर्चस्व व पंचायत चुनाव की टशन से आसपुर देवसरा में जारी है,जंग...!!
@@@अजय गिरी की हत्या के बाद सभापति यादव का एकछत्र राज...!!
@@@अजय गिरी की हत्या के बाद सभापति यादव का एकछत्र राज...!!
गिरफ्तारी के बाद आसपुर थाना में COपट्टी के सामने कुर्सी पर बैठा प्रसन्न मुद्रा में जान लेवा हमले का आरोपी सभापति यादव… |
प्रतापगढ़। आसपुर देवसरा ब्लाक प्रमुख श्रीमती माधुरी यादव के पति सभापति यादव को पुलिस ने आज उनके घर से गिरफ्तार किया । सभापति यादव की गिरफ्तारी पूर्व बी डी सी घूरे सिंह पर जानलेवा हमले के आरोप में हुई । उक्त जानलेवा हमले के आरोप में पुलिस सभापति यादव पर मुकदमा दर्ज की थी, उसी मामले में पुलिस को सभापति यादव को तलाश कर रही थी । आसपुर देवसरा ब्लाक प्रमुख माधुरी यादव के पति सभापति यादव को पुलिस ने घर से किया गिरफ्तार । जानलेवा हमले के मामले में सभापति यादव की काफी दिनों से पुलिस को तलाश थी । गिरफ्तारी के बाद आसपुर देवसरा पुलिस आज सभापति यादव को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया । घर से गिरफ्तारी से लेकर थाना और थाना से लेकर कोर्ट और कोर्ट से लेकर जेल में प्रवेश पाने तक सभापति यादव के समर्थक पुलिस की जीप के पीछे-पीछे एक दर्जन से अधिक गाड़ी लेकर लगे रहे । समर्थको को लग रहा था कि पुलिस कहीं सभापति का एनकाउन्टर न कर दे l सपा सरकार के जाते ही सभापति यादव और उनके गुर्गो की हेकड़ी बंद हो गई l
पेशी के दौरान समर्थकों ने एक दर्जन से अधिक वाहनों के साथ पुलिस की गाड़ी का कचेहरी तक पीछा किया । सत्र न्यायालय के गेट पर जब पुलिस की गाड़ी रुकी तो ट्रेजरी चौराहे तक गाड़ियां ही गाड़ियां दिखने लगी और उसमें से उतरकर समर्थको का गेट की तरफ दौड़ना चर्चा का विषय रहा । आस-पास के क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल हो गया । काफी देर तक लोग सहमें हुए थे । सभापति यादव को पुलिस ने फिल्मी अंदाज में पेश किया। एक अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति का समाज का जो वर्ग साथ दे और सहयोग करे, वो भी एक तरह का अपराध ही है । इससे अपाराधियों का मनोबल बढ़ता है । समाज में ऐसे लोंगो का बहिष्कार होना चाहिये न कि उसको संरक्षण देकर उसे अपराध करने के प्रति उसका मनोबल बढ़ाने का कार्य करना चाहिये...!!!
न्यायलय का प्रवेश द्वार जहां सभापति के समर्थकों की लगी है,भीड़... |
ब्लाक प्रमुख आसपुर देवसरा, माधुरी यादव के पति सभापति यादव |
कौन है सभापति यादव...???
पट्टी विधानसभा का आसपुर देवसरा जो यादवों का गढ़ माना जाता है। इसी विरादरी के दम पर रामलखन यादव पट्टी विधान से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बनते रहे। पूर्व मंत्री स्व.राजाराम पाण्डेय अपने भतीजे देवेन्द्र पाण्डेय को वर्ष-2000 में आसपुर देवसरा का ब्लाक प्रमुख बना पाने में सफल रहे। यादव विरादरी की आबादी अधिक होने से राम लखन यादव के बाद यादव विरादरी को विनैका गांव निवासी सभापति यादव अपनी विरादरी का नेता मिला । सभापति यादव उसका फायदा लेते हुए राजनीतिक पारी की शुरुवात पंचायत चुनाव से शुरू की । वर्ष-2000 में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़कर पूरे आसपुर देवसरा में अपना आधिपत्य स्थापित किया । सभापति यादव को बिनैका से बीडीसी पद पर सफलता मिली थी । फिर जिला पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान विनैका का प्रतिनिधि बनने का मौका मिला । जबकि सभापति यादव की भयाहू नीतू यादव पत्नी नवीन चंद्र केवटली से इसी पद पर विजयी घोषित हुई थी । पूर्व ब्लाक प्रमुख माधुरी दाउदपुर, सभापति की भयाहू क्रमश: अमरावती पत्नी सुभाष यादव बेहटा से व सावित्री पत्नी प्रेमचंद्र सैलखा से पहले ही क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए निर्विरोध चुनी जा चुकी थी । जबकि ब्लाक प्रमुख माधुरी के देवर सुभाष यादव ने जिला पंचायत सदस्य पद पर 2504 मतों के अंतर से संतोष को शिकस्त देकर इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा । वर्ष-2015 में पंचायत चुनाव में कबीरपुर ग्राम पंचायत की प्रधानी के चुनाव में त्रिवेणी तिवारी और जय प्रकाश सिंह का विवाद हुआ । त्रिवेणी तिवारी की तरफ से उनके समर्थन में निवर्तमान प्रधान लाल साहेब यादव थे और जय प्रकाश सिंह के समर्थन में घूरे सिंह और उनके भाई संतोष उर्फ पिंटू सिंह थे । मतदान के दिन दोनों पक्षों में मारपीट हुई,जिसमें लाल साहेब के भतीजे की मौत हो गई थी । उक्त हत्या के आरोप में पिंटू सिंह जेल में निरुद्ध है । उक्त मामले में ट्रायल के दौरान पेशी के एक दिन पहले मुख्य गवाह लाल साहेब यादव के ऊपर हमला हुआ,जिसमें घूरे,जय प्रकाश और जेल में पहले से निरुद्ध पिंटू सिंह को 120-बी के तहत आरोपी बनाया गया । बाद में घूरे पर जान लेवा हमला हुआ तो उक्त मामले में सभापति यादव को आरोपी बनाया गया । आज उसी प्रकरण में सभापति यादव जेल भेजे गए ।
चुनाव से पहले ही सभापति यादव बन गए स्वयंभू विधायक... |
वर्ष-2005 में भाजपा के टिकट पर आसपुर देवसरा का ब्लाक प्रमुख चुनाव सभापति यादव अपनी पत्नी माधुरी यादव को लड़ाया और इनके विरोध में निर्मला गिरी पत्नी अजय गिरी चुनाव लड़ी । सभापति इस तरह अपनी पत्नी माधुरी यादव को लड़ाकर प्रमुखी हथिया ली । वर्ष-2010 में भाजपा की उम्मीदवार पूजा पासी चुनाव लड़कर प्रमुख बन गई । वर्ष-2015 में पुनः सभापति यादव अपनी पत्नी माधुरी यादव को समाजवादी पार्टी से टिकट दिलाकर ब्लाक प्रमुख की कुर्सी हथिया ली । सभापति यादव अपने राजनीतिक कैरियर को बनाने के लिए सभी दलों के नेताओं से मेल मिलाप करते रहते हैं । पूर्व सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह कई बार सभापति यादव की अतिथि बन उनका मान बढ़ा चुकी हैं । अजय गिरी से छत्तीस का आकड़ा होने के कारण भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश सरकार के काबीना मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह "मोती सिंह" से भी नजदीकियां बढ़ी और उन्हीं की रहमोकरम पर वर्ष-2005 का ब्लाक प्रमुख पद का टिकट उनकी पत्नी को मिला था । हलांकि आज सभापति यादव और उनके समर्थकों ने आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी सिर्फ सत्ता पक्ष का विरोधी होने की वजह से हुई है । अति महत्वाकांक्षी सभापति यादव वर्ष-2017 के चुनाव में उतरने के लिए बसपा की होर्डिंग्स में चुनाव से पूर्व ही अपने के आगे विधायक लिखाकर पूरे क्षेत्र में होर्डिंग्स लगवा दिए थे । शिकायत हुई तो आनन-फानन में सारी होर्डिंग्स रातोरात उन्हें उतरवानी पड़ी । वर्ष-2017 के विधानसभा चुनाव में सभापति यादव विधानसभा बदलापुर से निषादराज पार्टी से चुनाव लड़ अपनी हैसियत का अंदाजा लगा लिए । आज प्रतापगढ़ की काबिल पुलिस सभापति यादव को हीरो बना दिया । आज सभापति बड़ा नेता हो गया । अपने को तेज तर्रार मानने वाले प्रभारी निरीक्षक आसपुर देवसरा राज किशोर बातचीत करके सभापति यादव को उनके घर से गिरफ्तार किया । थाने से लेकर न्यायालय और जेल की सलाखों तक सभाजीत के समर्थकों को अपने पीछे-पीछे लगे रहने दिया,जिससे सभापति यादव की पब्लिसिटी हुई । सबसे बड़ा सवाल यही कि क्या अपराधियों के दिलोदिमाग में ऐसे ही खाकी का खौफ बनेगा...???
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