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सोमवार, 30 अक्तूबर 2017

राज्य निर्वाचन आयोग उ.प्र.की मतदाता सूची में खामियां ही खामियां

वार्ड वाईज मतदाता सूची में भारत निर्वाचन आयोग की तरह नहीं रहता सम्पूर्ण विवरण...!!! 
प्रत्येक वार्ड की मतदाता सूची में पहले पेज पर ही दर्ज होना चाहिये पुरुष मतदाता एवं महिला मतदाता और वार्ड के कुल मतदाता का योग...!!!
जब देश में एक टैक्स की व्यवस्था हो सकती है तो देश की मतदाता सूची एक क्यों नहीं...???
भारत निर्वाचन आयोग का बना वोटर आई डी राज्य निर्वाचन आयोग मानता है तो फोटोयुक्त उसकी मतदाता सूची से क्यों नहीं कराया जाता निकाय और पंचायत चुनाव...???
 भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार विधान सभा-2017 की मतदाता सूची 
 राज्य निर्वाचन आयोग,उ.प्र. द्वारा तैयार निकाय चुनाव वर्ष-2017 की मतदाता सूची
 निकाय चुनाव वर्ष-2012 में हुए निकाय चुनाव का आकड़ा जो वर्ष-2017 की अपेक्षा अधिक है 


निकाय चुनाव वर्ष-2017के निकाय चुनाव हेतु तैयार किया गया आकड़ा जो वर्ष-2012की अपेक्षा कम हो गया
दोहरी मतदाता सूची से मतदाता रहते हैं,अनभिज्ञ और निकाय चुनाव में जब पोलिंग बूथ पर मतदाता जाता है, मतदान करने तो पता लगता है उसका नाम मतदाता सूची से राजनीतिक विरोधी और BLO की मिलीभगत से उसका नाम काट दिया जाता है। देश में सिर्फ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची ही देश में सभी तरह के चुनाव में लागू करना चाहिये और उसे शत प्रतिशत आधार से लिंक कराने की बाध्यता अनिवार्य करने चाहिये ताकि एक देश का नागरिक सिर्फ एक जगह ही मतदाता सूची में रह सके। यदि कोई व्यक्ति चालाकी करते हुए पहली जगह की मतदाता सूची में अपना नाम कटवाये बिना दूसरी जगह अपना नाम दर्ज कराना चाहेगा तो उसकी चोरी पकड़ी जायेगी और व्यवस्था जनित भ्रष्टाचार से निजात मिल सकेगा...!!! 

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