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सोमवार, 23 अक्तूबर 2017

हृदयाघात से बचने के सामान्य उपाय

जीवन बहुमूल्य है,अपने जीवन का बचाव खुद करें 
 रक्तचाप मापने की विधि 
जन्म और मृत्यु का समय निश्चित रहता है फिर भी मनुष्य अपने जीवन के प्रति काफी आशान्वित रहता है। किसी भी ब्यक्ति को कोई भी विमारी कभी भी अपने गिरफ्त में ले लेती है। इन दिनों डायबटीज के रोगियों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है। यदि किसी को डायबटीज यानि मधुमेह अपना शिकार बना लेती है तो वह शरीर को घुन की तरह खोखला कर देती है। फिर उसे ब्लड प्रेशर यानि रक्तचाप की विमारी भी हो जाती है।मधुमेह किडनी,लीवर और फेफड़ा,आँख सहित हृदय को नुक्सान पहुँचाना शुरू करता है तो उस ब्यक्ति का जीवन दवा पर आधारित हो जाता है। वही ब्यक्ति इस रोग के बाद जीवन जी पाता है जो संयमित जीवन जीने की कला को सीख लेता है बात करते हैं,संयम की तो प्रत्येक ब्यक्ति को जिन्हें सुबह या रात में सोते समय पेशाब करने जाना पड़ता हैं,उनके लिए विशेष ध्यान देने की बात ये है कि उस ब्यक्ति को अपने जीवन में हृदयाघात से बचने के लिए साढ़े तीन मिनिट की सावधानी बरतनी चाहिए।
मधुमेह रोगी को बीच-बीच में ऐसे चेक कराने पड़ते हैं 
यह वक्त इतना महत्वपूर्ण क्यों है ? यही साढ़े तीन मिनट का वक्त जानलेवा होता है इसके पालन करने से हर्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या कम हो सकती है। जब-जब ऐसी घटना हुई हैं, परिणाम स्वरूप तंदुरुस्त व्यक्ति भी रात में ही मृत पाए गए हैं। ऐसे लोगों के बारे में हम कहते हैं कि कल ही हमने इनसे बात की थी। ऐसा अचानक क्या हुआ ? उसकी कैसे मृत्यु हो गई ? इसका मुख्य कारण यह है कि रात में जब भी हम मूत्र विसर्जन के लिए उठकर जाते हैं, तब अचनाक जल्दी में ताबड़तोड़ उठते हैं, परिणाम स्वरूप मस्तिष्क तक रक्त नहीं पहुंचता है। यह साढ़े तीन मिनट का वक्त बहुत महत्वपूर्ण होता है। मध्य रात्रि जब हम पेशाब करने उठते हैं तो हमारा ईसीजी का पैटर्न बदल सकता है। इसका कारण यह है कि अचानक खड़े होने पर मस्तिष्क को रक्त नहीं पहुच पाता और हमारे हृदय की क्रिया बंद हो जाती है। साढ़े तीन मिनट का प्रयास एक उत्तम उपाय हो सकता है।
 हृदय रोग के रोगी ब्यक्ति का बचाव करने से बच सकती है,जान 
1. नींद से उठते समय आधा मिनट गद्दे पर लेटे रहिए।
2. अगले आधा मिनट गद्दे पर बैठिये।
3. अगले अढाई मिनट पैर को गद्दे के नीचे झूलते छोड़िये।
यही साढ़े तीन मिनट के बाद आपका मस्तिष्क बिना खून का नहीं रहेगा और हृदय की क्रिया भी बंद नहीं होगीइससे अचानक होने वाली मौतें भी कम होगी
डॉ.के.पी.सिंह(Goldmedalist)
कैंसर रोग विशेषज्ञ ,दिल्ली

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