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सरकारी डॉक्टरों पर नहीं दिख रहा सी एम योगी के आदेश का असर,धड़ल्ले से चल रही है,प्राईवेट प्रैक्टिस |
लखनऊ l उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही योगी सरकार ने प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों द्वारा प्राईवेट प्रैक्टिस करने पर रोक लगा दी थी l इस संबंध में प्रदेश के सभी कमिश्नर और डीएम को आदेश भेजा गया था l प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी द्वारा जारी किए गए इस शासनादेश में सभी जिलों के कमिश्नर और डीएम को कहा गया था कि अगर कोई सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हुए पाया जाता है तो उसका रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाए l साथ ही ये भी निर्देशित किया गया है कि शासन के निर्देशों के बावजूद प्रादेशिक चिकित्सा सेवा संवर्ग के डॉक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस की शिकायतें लगातार मिल रही हैं l पीएमस डॉक्टरों द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस करते पकड़े जाने पर संबंधित नर्सिंग होम के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी l उसके लाइसेंस को भी निरस्त कर किया जाएगा l यही नहीं ऐसे डॉक्टरां से प्रैक्टिस बंदी भत्ता की वसूली भी की जाएगी l इस मामले में डॉक्टर की इनकम टैक्स विभाग से भी जांच कराई जाएगी l इसके अलावा सरकारी डॉक्टरों द्वारा प्राईवेट प्रैक्टिस न करने के लिए सरकार ने होर्डिंग और बैनर्स के माध्यम से प्रचार करने का भी फैसला किया था, पर सारे आदेश हवा हवाई साबित हुए l
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कलेक्ट्रेट के सामने बी मार्ट के नीचे प्रतापगढ़ के जिला चिकित्सालय में तैनात फिजिशियन डॉ मनोज खत्री प्राईवेट प्रैक्टिस करते हुए... |
जिला मुख्यालय हो या मंडल सब जगह सरकारी चिकित्सकों द्वारा धड़ल्ले से प्राईवेट प्रैक्टिस चालू है l कमोवेश यही दशा गाँव में सी एच सी और पी एच सी में तैनात डॉक्टरों का है l मेडिकल कालेज के डॉक्टरों का तो और बुरा हाल है l वो तो बकायदा अपने नाम का बोर्ड नर्सिंग होम में लगवा रखे हैं l उनके ओ पी डी का समय निर्धारित है l उनकी फीस भी 500 से 1000 रुपए तक फिक्स है l इस लिहाज से योगी सरकार का ये भी निर्णय चिकित्सकों ने फेल करके रख दिया l केन्द्रीय नेतृत्व के कोटे से योगी सरकार में मंत्री बने डॉ महेंद्र सिंह जो भाजपा के राष्ट्रीय सचिव है और असम प्रदेश के प्रभारी भी है l उन्हें चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में राज्यमंत्री बनाया गया है,उनका प्रतापगढ़ गृह जनपद है l प्रतापगढ़ जनपद की प्रभारी मंत्री श्रीमती स्वाति सिंह भी चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग राज्यमंत्री हैं l महीने में कम से कम 3 चक्कर नहीं तो 2 चक्कर तो उनका प्रतापगढ़ लगता है और जिला अस्पताल में उनका कई बार निरीक्षण भी लगा,परन्तु नतीजा वही ढ़ाक के तीन वाला ही रहा l एक अदद जिला अस्पताल प्रतापगढ़ के लिए सी एम एस की पोस्टिंग नहीं हो पा रही है l
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पूर्व सी एम एस डॉ आर डी दुबे |
पूर्व सी एम एस डॉ आर दुबे अब उसी जिला अस्पताल में चिकित्सक के तौर पर अपने को संविदा पर करा लिए हैं l वजह निजी प्रैक्टिस l जिला अस्पताल प्रतापगढ़ के उसी सरकार आवास में वो आज भी बने हैं और उन्हें दिखाने दिन भर में सैकड़ों मरीज उनके आवास पर अपना इलाज कराने पहुँचते हैं l इसी तरह से 15 वर्षो से अधिक समय से डॉ मनोज खत्री जी जिला अस्पताल में बतौर एम डी तैनात हैं l वो तो जिला कलेक्ट्रेट के सामने बी मार्ट के नीचे खुलेआम प्राईवेट प्रैक्टिस करने में मस्त हैं l इस तरह सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ का ये आदेश भी नाकाम साबित हुआ l
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