''खाने वाले'' खड़से को ''न खाऊंगा न खाने दूंगा'' वाले फड़नवीस ने मोदी के निर्देश पर मंत्रिमंडल से किया बाहर...!!!
जमीन घोटाले और अंडरवर्ड डॉन दाऊद से कथित संपर्क करने के आरोप में बुरी तरह घिर चुके महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से को आखिरकार इस्तीफ़ा देना पड़ा।
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महाराष्ट्र के पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से...!!!
नई दिल्ली - जमीन घोटाले और अंडरवर्ड डॉन दाऊद से कथित संपर्क करने के आरोप में बुरी तरह घिर चुके महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे को आखिरकार इस्तीफ़ा देना पड़ा। केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार के मामले में बीजेपी के किसी मंत्री का यह पहला इस्तीफा है। हालाँकि खड़से को सबूत साबित होने तक इंतज़ार करने को कहा गया है।
सूत्रों की माने तो महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फड़नवीस की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 35 मिनट हुई मुलाकात में खड़से के खिलाफ लगे आरोपों के जो सबूत सामने रखे गए, वह प्रथम दृष्टिया सही साबित हुए। लैंड डील में कंफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट का मामला दस्तावेजों से साफ़ था। पीएम मोदी ने इन तमाम सबूतों को देखने परखने के बाद साफ निर्देश दिए कि राजस्व मंत्री खड़से को हटाना होगा।
क्योंकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहब ने खड़से को क्लीन चिट देते हुए उनके इस्तीफे की सम्भावना इंकार कर दिया था। महाराष्ट्र सरकार के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भी कहा था कि महाराष्ट्र सरकार उनके साथ है। बीजेपी नेता शाइना एनसी का कहना है कि खड़से ने नैतिक आधार पर इस्तीफ़ा दिया और लेकिन महज एक दिन बाद अचानक खड़से का इस्तीफा देना कई संकेत देता है।
कांग्रेस पार्टी लगातार मोदी पर निशाना साधकर उनके लोकसभा चुनाव के वक़्त किये गए वादे को याद दिला रही थी। खडसे पर लगे आरोप इतने मजबूत थे कि उनसे पार पाना आसान नहीं था। लैंड डील में उनपर आरोप था कि एकनाथ खड़से ने अपने पत्नी के नाम पुणे जिले के भोसरी एमआईडीसी में एक प्लाट खरीदा और इसकी स्टाम्प ड्यूटी गलत तरीके से भरी, जिसके तमाम कागजात तक मौजूद थे। वहीँ दाऊद से बातचीत की तमाम डिटेल मौजूद थे।
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