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सोमवार, 2 मई 2016

पांच अरब रुपये की जिला योजना मंजूर

जिला योजना की बैठक अव्यवस्थाओं के बीच घंटे भर विलंब से हुई थी, शुरू....!!! 

जिला योजना जैसी महत्वपूर्ण बैठक से मीडिया को रखा गया था,उससे दूर...!!!

जिला योजना की बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों में दिखा नोकझोक का दृश्य...!!!
प्रतापगढ़ : प्रदेश के लोक निर्माण विभाग, सिंचाई और जल संसाधन विभाग के राज्यमंत्री और प्रतापगढ़ के प्रभारी मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में कुल चार अरब 99 करोड़ 27 लाख के जिला योजना के प्रस्तावों को जनप्रतिनिधियों के सुझावों के बाद अनुमोदित कर दिया। शनिवार को विकास भवन के सभागार में जिला योजना की समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि सूखे की स्थिति को देखते हुए हम सभी का मुख्य फोकस बिजली, पानी और सड़क पर होना चाहिए। इसका सभी जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में समर्थन किया। डी एम डा.आदर्श सिंह ने प्रभारी मंत्री, सांसदों व विधायक गणों का स्वागत किया व जिला योजना के मुख्य प्राविधानों की जानकारी दी। सीडीओ महेंद्र बहादुर सिंह ने जिला योजना समिति द्वारा प्रस्तुत कुल चार अरब 99 करोड़ 27 लाख के प्रस्तावों को विभागवार रखा। समिति ने इसे अनुमोदित कर दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की सड़कों के गुणवत्ता की बात कई जिला पंचायत सदस्यों ने उठाई। इस पर मंत्री ने डीएम को सड़कों के गुणवत्ता की जांच समयबद्ध तरीके से समिति बनाकर कराने का निर्देश दिया। बताया गया कि पीएमजीएसवाई के कुल 68 मार्ग जिले में हैं। इनमें 53 मार्गो पर कार्य पूर्ण हो चुका है। 15 पर काम चल रहा है। आठ सड़कों का निर्माण जून तक पूरा जाएगा। 
बैठक में जिला चिकित्सालय में तीन-चार वर्षो से रिक्त रेडियोलाजिस्ट के पद पर शीघ्र नियुक्ति की मांग की गई। साथ ही त्वचा रोग विशेषज्ञ की भी नियुक्ति की मांग की गई। सदस्यों ने एक मत से कहा कि एक्सरे के लिए मरीज को लेकर इलाहाबाद जाना पड़ता है, यह दुखद है। प्रभारी मंत्री ने मुख्यमंत्री के समक्ष मांग रखने का आश्वासन दिया। बैठक में जल निगम के सहायक अभियंता ने बताया कि जिले में कुल 3200 हैंडपंप रिबोर होने योग्य हैं। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि 10 हजार से कम हैंडपंप रिबोर होने योग्य नहीं होंगे। सभी ने प्रभारी मंत्री से प्रतापगढ़ को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित कराने की मांग की। जनप्रतिनिधियों ने बताया कि हाल में भारत सरकार की ओर से जो आर्थिक जनगणना कराई गई है, उसके आंकड़े विश्वास करने योग्य नहीं है। मंत्री ने डीएम से कहा कि वह विकास खंडवार सर्वे कराकर उसकी रिपोर्ट शासन को प्रेषित करें और जो विसंगतियां जनगणना में बताई जा रही हैं उसका निराकरण कराएं। बैठक में सांसद कुंवर हरिवंश सिंह, विधायक प्रो.शिवाकांत ओझा, शिक्षक विधायक उमेश चंद्र द्विवेदी, विधायक लालगंज आराधना मिश्रा उर्फ मोना, विधायक विश्वनाथगंज डा.आरके वर्मा और विधायक बाबागंज विनोद कुमार सरोज, अध्यक्ष जिला पंचायत उमाशंकर यादव आदि उपस्थित रहे। 
जिला योजना की बैठक में जिन प्रस्तावों पर प्रभारी मंत्री ने मुहर लगाई उसमें विभागवार विवरण इस प्रकार है। बैठक में कृषि विभाग की 20 लाख की परियोजना, लघु एवं सीमान्त कृषकों को 1 करोड़ 11 लाख की सहायता, पशुपालन विभाग की 4 करोड़ 54 लाख 86 हजार की परियोजनाएं, मत्स्य विभाग की 1 करोड़ 8 लाख की परियोजनाएं, दुग्ध विकास विभाग की 2 करोड़ 5 लाख 61 हजार की परियोजनाएं, सामाजिक वानिकी की 4 करोड़ 10 लाख 36 हजार, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की 3 करोड़ 12 लाख, मनरेगा की 86 करोड़ 2 लाख 49 हजार, व्यय कर 37 लाख 23 हजार मानव दिवसों का सृजन का लक्ष्य, पंचायती राज की 28 करोड़ 31 लाख की परियोजनाएं, निजी लघु सिंचाई में 46 ग्राउंड वाटर चार्चिंग, चेकडैम हेतु 17 करोड़ 4 लाख 75 हजार, 210 मध्यम गहरी बोरिंग हेतु 3 करोड़ 21 लाख की धनराशि की परियोजनाएं मंजूर की गई । राजकीय लघु सिंचाई में 1 करोड़ 67 लाख नलकूपों के आधुनिकीकरण और 20 नए नलकूपों के निर्माण कार्य कराने हेतु 6 करोड़ 30 लाख की परियोजनाएं, सड़क एवं पुल निर्माण में ग्रामीण मार्गो के पुर्ननिर्माण हेतु 14 करोड़ 89 लाख 28 हजार एवं नयी ग्रामीण सड़कों के लिए 66 करोड़ 15 लाख 81 हजार, पर्यटन विभाग की कुल 49 परियोजनाओं के लिए 1 करोड़ 60 लाख की कार्ययोजना, माध्यमिक शिक्षा के लिये 60 करोड़ 14 लाख की परियोजनाएं, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की 51 करोड़ 98 लाख की कार्ययोजना, होम्योपैथिक चिकित्सा के लिए 1 करोड़ 35 लाख, आयुर्वेदिक औषधालयों के लिए 5 करोड़ और यूनानी/आयुर्वेदिक चिकित्सालय के भवन निर्माण हेतु 6 करोड़ की धनराशि तय की गई ।
ग्रामीण पेयजल हेतु 25 करोड़ 50 लाख की कार्ययोजना, ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम के लिए 58 करोड़, इंदिरा आवास के लिए 49 करोड़ 31 लाख 50 हजार, लोहिया ग्रामीण आवास के लिये 27 करोड़ 99 लाख, नगरीय पेयजल के लिए 9 करोड़ 59 लाख, अनुसूचित जाति कल्याण के लिए 3 करोड़ 60 लाख, समाज कल्याण सामान्य जाति के लिए छात्रवृत्ति हेतु 2 करोड़ 12 लाख, पूर्वदशम 1 करोड़ 44 लाख, दशमोत्तर छात्रों और 700 पुत्रियों की शादी हेतु 60 लाख की कार्ययोजना शामिल है। समाज कल्याण वृद्धावस्था पेंशन हेतु 23 करोड़ 95 लाख, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ को 2 करोड़ 31 लाख और 16666 व्यक्तियों को समाजवादी पेंशन के लिए 10 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गई है। जिला योजना की बैठक अव्यवस्थाओं के बीच घंटे भर विलंब से शुरू हुई। प्रभारी मंत्री सुरेंद्र ¨सह पटेल स्वयं घंटेभर विलंब से आए। इसके पूर्व विभिन्न मुद्दों पर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। खराब हैंडपंपों की संख्या को लेकर मतभेद रहा। बैठक 11:30 बजे से होनी थी, लेकिन प्रभारी मंत्री के साढ़े बारह बजे पहुंचने पर विलंब से शुरू हुई। खास बात यह रही जिला योजना जैसी महत्वपूर्ण बैठक से मीडिया को दूर रखा गया। वाहवाही लूटने के लिए जिस मीडिया को कतार में सबसे आगे रखा जाता है, उसी मीडिया को जिला योजना की बैठक से किनारे कर दिया गया। इसका मायने तो जिलाधिकारी और जनप्रतिनिधि ही बता सकते हैं,परन्तु मीडिया को भी अपने वजूद को बचाए रखने के लिए कुछ सोचना होगा। मीडिया में कुछ पोताम्बरी के माहिर खिलाड़ी प्रवेश कर गए हैं, जिनके कारण मीडिया का वजूद दिन-प्रतिदिन घटता जा रहा है ।

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