पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी
एंटनी ने कहा-सबूत है तो कड़ी कार्रवाई करो....!!!
अगस्ता मामले में भाजपा द्वारा कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लगातार निशाना बनाए जाने के बाद अब पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने केंद्र सरकार को घूसखोरों के खिलाफ कार्रवाई की चुनौती दी है। शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए एंटनी ने कहा कि यदि किसी ने घूस दिया है या लिया है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इटली की अदालत में सुनवाई के दौरान हमारे वकीलों ने सभी गवाहों से जिरह की है। किसी स्तर पर कोई नाम सामने नहीं आया है। अब मेरा सवाल है कि सीबीआइ इस सरकार के साथ है। प्रवर्तन निदेशालय इस सरकार के साथ है। फिर यदि कोई साक्ष्य है, तो मोदी सरकार कार्रवाई में देरी क्यों कर रही है?
जब उनसे पूछा गया कि भाजपा ने तो इस मुद्दे पर कांग्रेस के खिलाफ चौतरफा हमला बोल दिया है? एंटनी बोले, 'इटली की अदालत ने घूस देने वालों को सजा दी है। अब सरकार को घूस लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।' उन्होंने सवाल किया कि रिश्वत देने वाली कंपनी को आखिर राजग सरकार ने 'मेक इन इंडिया' अभियान का हिस्सा किस तरह बनाया?
अगस्ता वेस्टलैंड कभी ब्लैकलिस्ट नहीं किया गया: जेटली
उधर, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील पर अपना हमला और तेज करते हुए केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि जो बातें कही जा रही कि यूपीए शासन के दौरान अगस्ता को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था ये और एनडीए ने उसे उस सूची से बाहर कर दिया ये सिर्फ एक दिमागी फितूर है। केरल विधानसभा चुनाव के लिए वहां पहुंचे जेटली ने एनडीए के विजन डॉक्यूमेंट्स जारी करते हुए कहा कि पूर्व रक्षामंत्री एंटनी के उस बयान को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि यूपीए शासनकाल के वक्त ही अगस्ता वेस्टलैंड डील में रिश्वत की बात सामने आने के बाद उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था।
गौरतलब है कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला 2013 में पहली बार सामने आया था जब इटली में ‘फिनमेक्कनिका’ (इसकी सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड है) के तत्कालीन सीईओ को गिरफ्तार किया गया था। घोटाले में 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए 3,546 करोड़ रुपये का सौदा हुआ था। इस डील में 360 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी की बात सामने आई कई जिसमें कई भारतीय राजनेताओं और सैन्य अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगा है। जिसके बाद हाल ही में आए इटली कोर्ट के फैसले के बाद मामले पर सियासी हलचल जारी है।
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