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सोमवार, 2 मई 2016

सरकार ने माना, हेलीकॉप्टर सौदे में हुई घूसखोरी

सरकार ने माना, हेलीकॉप्टर सौदे में हुई घूसखोरी....!!!


कोच्चि। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इतालवी कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ हुए वीवीआइपी हेलीकॉप्टर खरीद सौदे को अंजाम तक पहुंचाने के लिए घूसखोरी की बात स्वीकार की है। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। एंटनी के मुताबिक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए जल्द ही नई रक्षा उपकरण खरीद नीति तैयार कर ली जाएगी।
हेलीकॉप्टर सौदे में घोटाले की बात सामने आते ही रक्षा मंत्रालय ने सीबीआइ जांच के आदेश दे दिए थे। घोटाले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए यहां सोमवार को एक कार्यक्रम से इतर रक्षा मंत्री ने कहा कि इसमें शामिल ताकतवर या रसूख वाले लोगों को भी नहीं छोड़ा जाएगा। मामले की जांच कर रही सीबीआइ को रक्षा मंत्रालय और इटली से करीब 3,600 करोड़ रुपये के इस सौदे से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों में सौदे के लिए पैसे के लेनदेन का ब्योरा है। सीबीआइ ने यह ब्योरा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ भी साझा किया है। जांच एजेंसी पहले ही 13 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर चुकी है। इनमें वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी, उनके तीन रिश्तेदार, यूरोपीय दलाल और चार कंपनियां शामिल हैं।
हालांकि, सभी आरोपियों ने घूस लेने से इन्कार कर दिया है। जांच एजेंसी इतालवी कंपनी के पक्ष में सौदा कराने में कुछ बिचौलियों की संदिग्ध भूमिका की पड़ताल कर रही है। सीबीआइ को संदेह है कि भारत में कुछ लोगों को मॉरीशस और ट्यूनीशिया के रास्ते घूस का पैसा पहुंचाया गया था। वहीं, चंडीगढ़ की दो कंपनियों आइडीएस इंफोटेक और एयरोमैट्रिक्स को इंजीनियरिंग ठेके के भुगतान के तौर पर रिश्वत पहुंचाई गई।
उम्मीद है कि सीबीआइ जल्द ही ब्रिटेन, इटली, मॉरीशस और ट्यूनीशिया को सौदे में वित्तीय लेनदेन की जानकारी मुहैया कराने के लिए न्यायिक आग्रह भेजेगी। एंटनी ने यह भी कहा कि हम रक्षा खरीद में स्वदेशीकरण पर जोर दे रहे हैं। नई प्रक्रिया में इस दिशा में प्रयास और तेज किए जाएंगे और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। नई रक्षा उपकरण खरीद नीति अंतिम चरण में है। इसके लागू होने के बाद हर साल इसकी समीक्षा की जाएगी।
300 करोड़ का एक हेलीकॉप्टर....!!!
अतिविशिष्ट लोगों के इस्तेमाल के लिए इतालवी कंपनी से कुल 12 हेलीकॉप्टर खरीदे जाने थे। यह सौदा करीब 3600 करोड़ रुपये का था। यानी एक हेलीकॉप्टर लगभग 300 करोड़ रुपये का था। सौदे के तहत 12 में तीन हेलीकॉप्टर भारत पहुंच चुके हैं। हालांकि इनका परिचालन शुरू नहीं हो सका है। बाकी नौ हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। आरोप है कि इस सौदे में कुछ भारतीयों को 362 करोड़ रुपये की घूस दी गई है।
'मुझे लगता है कि सौदे में कुछ लोगों ने घूस ली है। मामले की जांच अहम पड़ाव पर पहुंच चुकी है। थोड़ा इंतजार करिये, किसी पर दया नहीं दिखाई जाएगी। इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।' -एके एंटनी, रक्षा मंत्री

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