राज्यसभा के लिए कपिल सिब्बल और सतीश शर्मा के बीच घमासान...!!!
"ये हैं कांग्रेसी दिगग्ज पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल जो सपा सरकार के गूढ़ मुकदमों को निपटाया और अपनी नजदीकियां बढ़ाया ताकि प्रमोद कुमार की तरह सपा के सहयोग से राज्यसभा पहुँच जाएं"...!!! |
नई दिल्ली - लोकसभा चुनाव हारकर राज्यसभा जाने के इंतजार में बैठे पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल की उम्मीदों को झटका लगता दिख रहा है। यूपी की एक सीट के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव में कपिल सिब्बल को गांधी परिवार के खास कैप्टन सतीश शर्मा से कड़ी चुनौती मिल रही है। ऐसे में सबकी निगाहें अब गांधी परिवार पर टिक गई हैं, कि वह किसके नामांकन को हरी झंडी देता है।
जुलाई के अंत तक यूपी से राज्यसभा की दर्जनभर सीटों के लिए चुनाव होना है। इनमें कांग्रेस के खाते में भी एक सीट आनी है। हालांकि इसके लिए भी कांग्रेस के पास आठ विधायकों की कमी है लेकिन पार्टी को उम्मीद है कि सपा या बसपा की ओर से उसे इसके लिए समर्थन मिल जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कपिल सिब्बल के नामांकन के लिए सपा से समर्थन मांगा गया था। सपा ने इसके बदले में सिब्बल को अपनी पार्टी के टिकट पर ही उम्मीदवार बनने का प्रस्ताव दिया था।
हालांकि पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने सपा के इस प्रस्ताव को नकार दिया था। इसके बाद आनन फानन में समाजवादी पार्टी ने बसपा के पूर्व सांसद सुरेन्द्र नागर को अपना प्रत्याशी बताया। गुर्जर बिरादरी से आने वाले सुरेन्द्र नागर को प्रत्याशी बनाकर सपा ने पिछड़े वर्ग की इस प्रभावी बिरादरी का लुभाने की तैयारी कर ली है, पार्टी को उम्मीद है कि 2017 के विधानसभा चुनावों में उसे इसका फायदा मिल सकता है। दूसरी ओर सपा के इस बदले रुख के बाद अब कांग्रेस ने बसपा पर डोरे डालने की तैयारी कर ली है। उसे उम्मीद है कि बसपा के कोटे के आठ अतिरिक्त विधायक राज्यसभा के लिए उसका समर्थन कर सकते हैं। इसी बीच कांग्रेस की ओर से कर्नाटक से जयराम रमेश को भी राज्यसभा भेजने की तैयारी है।
हालांकि पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने सपा के इस प्रस्ताव को नकार दिया था। इसके बाद आनन फानन में समाजवादी पार्टी ने बसपा के पूर्व सांसद सुरेन्द्र नागर को अपना प्रत्याशी बताया। गुर्जर बिरादरी से आने वाले सुरेन्द्र नागर को प्रत्याशी बनाकर सपा ने पिछड़े वर्ग की इस प्रभावी बिरादरी का लुभाने की तैयारी कर ली है, पार्टी को उम्मीद है कि 2017 के विधानसभा चुनावों में उसे इसका फायदा मिल सकता है। दूसरी ओर सपा के इस बदले रुख के बाद अब कांग्रेस ने बसपा पर डोरे डालने की तैयारी कर ली है। उसे उम्मीद है कि बसपा के कोटे के आठ अतिरिक्त विधायक राज्यसभा के लिए उसका समर्थन कर सकते हैं। इसी बीच कांग्रेस की ओर से कर्नाटक से जयराम रमेश को भी राज्यसभा भेजने की तैयारी है।
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