गंगा में डुबकी लगाकर मोदी को टक्कर देने की तैयारी में नीतीश कुमार...!!!
कहा जाता है एक तस्वीर हजारों शब्द बयां करने के लिए काफी होती है, माथे पर चंदन लगी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह तस्वीर भी खुद में हजारों शब्दों को समेटे हुए हैं।
यूं तो यह तस्वीर उनके गंगा घाट पर स्नान केबाद संकटमोचन मंदिर पहुंचने की है, लेकिन धुंधलकी यादों के बीच यह उस नजारे की भी याद दिलाती है जब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के अपने अभियान की शुरूआत कुछ इसी तरह की थी।
यूं तो यह तस्वीर उनके गंगा घाट पर स्नान केबाद संकटमोचन मंदिर पहुंचने की है, लेकिन धुंधलकी यादों के बीच यह उस नजारे की भी याद दिलाती है जब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के अपने अभियान की शुरूआत कुछ इसी तरह की थी।
लगभग तीन साल बाद इतिहास उसी अंदाज में खुद को दोहरा रहा है, प्रधानमंत्री मोदी ने भी देश की राजनीति के पटल पर छाप छोड़ने के लिए बनारस को चुना था। और इसी पंक्ति में अब नीतीश कुमार आगे बढ़ चले हैं।
अगले आम चुनावों के लिए विपक्ष का चेहरा बनने की कवायद में लगे नीतीश कुमार देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की अहमियत को अच्छी तरह समझते हैं। यही कारण है कि देश के सबसे बड़े सूबे में भी उन्होंने अपनी पार्टी की जड़ें जमाने की तैयारी कर ली हैं। दो दिवसीय दौरे पर बनारस पहुंचे नीतीश कुमार ने पहला दिन कार्यकर्ताओं को संबोधित करने में बिताया तो भाजपा और आरएसएस पर वार करने से भी नहीं चुके।
उन्होंने चुन चुन कर मोदी और भाजपा को निशाना बनाया। कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वाली भाजपा को उसी के अंदाज में संघ मुक्त भारत और शराब मुक्त समाज का नया नारा भी दे दिया। बनारस को प्रधानमंत्री मोदी का गढ़ कहा जाता है और इसी गढ़ में नीतीश कुमार ने उन्हें चुनौती दी है कुछ उसी अंदाज में जैसे लोकसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल ने मोदी के सामने ताल ठोंक दी थी। केजरीवाल बेशक चुनाव हार गए लेकिन मोदी विरोधियों को लामबंद करने में जरूर सफल रहे।
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