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मंगलवार, 3 मई 2016

धार्मिक स्वतंत्रता पर भारत का जवाब‌, अमेरिका हमें समझ नहीं सका.....!!!

धार्मिक स्वतंत्रता पर भारत का जवाब‌, अमेरिका हमें समझ नहीं सका.....!!!

       पीएम मोदी

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिका के यूएस कमीशन फॉर इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम (USCIRF) की रिपोर्ट का भारत ने जवाब दिया है।  भारत ने कहा है कि अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट भारत के संविधान और समाज को समझ पाने में विफल रहा है।भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय संविधान धर्म की स्वतंत्रता और नागरिकों को मौलिक अधिकारों की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। भारत सरकार का मानना है कि धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर जो रिपोर्ट अमेरिकी कमीशन ने जारी की है वो बिल्कुल भी ठीक नहीं है। भारत में लोगों को संविधान ने सारे अधिकार दे रखे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी रिपोर्ट का भारत कोई संज्ञान नहीं लेगा। 

 धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी कमीशन की रिपोर्ट.....!!!

यूएस कमीशन फॉर इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम (USCIRF) ने सालाना रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार 2015 में भारत में असहिष्णुता बढ़ी है। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सहिष्णुता और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाली घटनाएं बढ़ी हैं।इसके लिए सबसे अधिक जिम्मेदार भारत के धार्मिक नेताओं को ठहराया गया है। रिपोर्ट के अनुसार धार्मिक नेताओं और अधिकारियों ने देश के अलग अलग समुदायों के बारे में जो अपमानजनक टिप्पणियां की हैं, उसकी वजह से असहिष्णुता बढ़ी है। हालांकि, रिपोर्ट यह भी कहा गया है कि अपमानजनक टिप्पणी करने वालों को फटकार भी लगी है।इस कमीशन का कहना है कि वह 2016 में इस ओर नजर रखेगा। साथ ही USCIRF ने अमेरिकी सरकार को भारत से इस मुद्दे पर बातचीत करने को भी कहा है।

हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों का असहिष्णुता बढ़ाने में हाथ....!!!




इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 में अल्पसंख्यक समुदायों (ईसाइयों, मुसलमानों और सखों) को हिंसा और उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है और इसमें हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों का बड़ा हाथ है। वहीं दूसरी ओर पुलिस का पक्षपात और न्यायिक मामलों की कमियों के चलते अल्पसंख्यक समुदाय खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते।आपको बता दें कि USCIRF यूएस फेडरल गवर्नमेंट कमीशन की द्विदलीय और पूरी तरह से स्वतंत्र यूनिट है। यह पूरी दुनिया में अकेली ऐसी संस्था है जो दुनियाभर में लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

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