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गुरुवार, 12 मई 2016

देश के अपाहिज क़ानून से क्या उम्मीद....???

देश के अपाहिज क़ानून से क्या उम्मीद....???
@@@...... अबू सलेम पुर्तगाल से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया, क्या मिला....???
$$$##...... अब इग्लैण्ड से अपने पूर्व राज्यसभा सांसद विजय माल्या को इग्लैण्ड से प्रत्यर्पण कर भारत लाया जायेगा तो माल्या का क्या उखड़ जाएगा....???









देश के लगड़े और अपाहिज कानून के बारे में कुछ कहना है कि जब मैं कक्षा 7 व 8 में नागरिक शास्त्र पढ़ा करते था तो उस वक्त की बात भी मुझे याद है कि देश में राष्ट्रपति की योग्यता.......प्रधानमंत्री की योग्यता.........मुख्यमंत्री की योग्यता और देश के प्रधानमंत्री की योग्यता.....!!! इसमें सबमें एक समानता रहती थी.......!!! आदि....!!! उसमें एक बात की समानता हुआ करती थी, वो समानता थी भारत की नागरिकता....!!!
अब बात करते हैं कि भारत में नागरिकता कैसी है....!!! वो भी याद है, ------एकल.....!!! अब भड़ुआ विजय माल्या जो किंगफिशर हवाई जहाज में एयर होस्टेज की आड़ में चकला घर चलाया करता था, उसे पहले कांग्रेस ने वर्ष 2002 में राज्यसभा पहुंचा दिया और बाद में भाजपा ने वर्ष 2010 में पुनः पिछले दरवाजे से राज्यसभा में बैठे रहने के लिए अपना आशीर्वाद दे दिया.....!!! क्या फर्क समझू भाजपा और कांग्रेस में .....???
घाटे के बिजनेस पर 9 हजार करोड़ रूपए कांग्रेस के इशारे पर मनमोहन की सरकार ने बैंकों से दिला दिया और भाजपा ने विजय माल्या को माल समेट कर भागने में मदद किया l चले जाने के बाद जनता को दिखाने के लिए दुनिया भर की नौटंकी और अब कबोधन...!!! इग्लैण्ड से बैठकर राज्यसभा की सदस्यता का त्यागपत्र l अब 9 हजार करोड़ रूपए की रिकवरी की बात पर सी. बी. आई. (बंद पिजड़े का तोता) और ई. डी. की कुम्भकरनी नींद उड़ी तो इग्लैण्ड ने दो टूक जबाब कि विजय माल्या तो वर्ष 1992 से इग्लैण्ड का नागरिक है l भारत प्रत्यर्पण करें l सिर्फ एक विकल्प....!!!
अब मुझे कोई बताएगा कि जब वर्ष 1992 से विजय माल्या इग्लैण्ड का नागरिक रहा तो भारत में तो इकहरी नागरिकता है, फिर उसे राज्यसभा का सदस्य कैसे बनाया गया....??? कल सोनिया और राहुल भी किसी देश की नागरिक अन्दर ही अन्दर लिए हों और धीरे से निकल जाए तो कौन जिम्मेवार होगा....??? विजय माल्या की घटना से देश की जनता इस नतीजे पर पहुँची है कि सभी लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य की दूसरे देश की नागरिकता की जांच होनी चाहिए....!!!
एक तरह से एन ओ सी लेने के बाद ही संसद सदस्य को पद और गोपनीयता की शपथ उन्हें दिलानी चाहिए...!!! चूंकि जब देश के प्रधानमंत्री के शैक्षिक योग्यता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया गया और उसकी सफाई के लिए देश के गृहमंत्री अरुण जेटली और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रेस कांफ्रेंस कर शैक्षिक योग्यता की प्रामाणिकता सिद्ध करनी पड़ी...!!! फिर भी आरोप लगाने वाले संतुष्ट नहीं है..!!!
ऐसे में ये सवाल खड़ा होता है कि चुनावी परिणाम के बाद विजयी हुए उम्मीदवारों के शपथपत्र औरनामांकन पत्र में दिए गए सभी तथ्यों की जांच कराने के बाद ही उन्हें, उनके पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाए l इससे सार्वजनिक जीवन में जनप्रतिनिधियों की साख जनमानस में बढ़ेगी l नहीं तो एक नहीं कई विजय माल्या आने वाले दिनों में देश का धन लेकर विदेशों में मौज करते नजर आयेंगें....!!! फिलहाल देश के प्रधानमंत्री जी.....देश की सवा सौ करोड़ जनता विजय माल्या के दोनों तरह के माल पर किसने - किसने हाथ फेरा है,ये जानना चाहती है....???

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