आतंकवादियों के एक गुर्गे से मुख्य्मंत्री नरेंद्र मोदी की जांच करवा रही थी कांग्रेसी सरकार...!!!
मुम्बई में 12 March 1993 में हुए आतंकी बम धमाकों से केवल कुछ घंटों में लगभग 257 निर्दोष नागरिकों को मौत के घाट उतारने वाला विस्फोटक RDX पहले पाकिस्तान से गुजरात के पोरबंदर के पास गोसबरा समुद्र तट पर पहुँचाया गया था, फिर गोसबरा से वो विस्फोटक RDX मुंबई लाया गया था l RDX मुंबई पहुँचाने के इस खूनी कारोबार को अंजाम दिया था दाऊद इब्राहिम के एक आतंकी गुर्गे सत्तार मौलाना ने....!!! उसके इस खूनी आतंकी कारोबार को अंजाम देने औेर फिर अपनी हिरासत में ही फरार हो जाने में उस आतंकी सत्तार मौलाना की भरपूर मदद की थी गुजरात के एक वरिष्ठ IPS अधिकारी ने....!!! यह अधिकारी तब गिरफ्तार हुआ था, जेल भी भेजा गया था....!!! आश्चर्यजनक रूप से कुछ समय बाद उसके खिलाफ दर्ज़ इस मामले को सरकार ने बिना कारण बताये बंद कर दिया था....!!! परिणामस्वरूप वह वरिष्ठ IPS अधिकारी जेल से रिहा हो गया था....!!! जबकि उस समय के कानून के जानकारों के अनुसार उस वरिष्ठ IPS अधिकारी के खिलाफ इतने ठोस सबूत मौजूद थे कि, उसको फांसी की सज़ा भी मिलना सम्भव था....!!! लेकिन ऐसा कुछ होने के बजाय केस ही बंद कर देने की तत्कालीन सरकारी मेहरबानी के कारण उसका बाल बांका भी नहीं हुआ....!!! इसके अलावा उसके खिलाफ दर्ज़ फ़र्ज़ी एनकाउंटर के भी 3 मामले डिब्बाबंद ही रहे....!!! उल्लेख आवश्यक है कि उस समय गुजरात महाराष्ट्र और देश में, तीनो जगह कांग्रेस की पूर्ण बहुमत वाली शक्तिशाली सरकारों का ही शासन था तथा केंद्र और गुजरात की सत्ता के गलियारों में कांग्रेसी दिग्गज अहमद पटेल का सिक्का चलता था और उस वरिष्ठ IPS अधिकारी का नाम सतीश वर्मा था....!!! जी हां, वही सतीश वर्मा जिसको गुजरात हाईकोर्ट की ज़ज़ महोदया ने आतंकिन इशरत के परिवार वालों के कहने पर SIT टीम का मुखिया बना दिया था.....!!! विश्व इतिहास में सम्भवतः ऐसी कोई दूसरी मिसाल नहीं उपलब्ध है जहां किसी आतंकवादी या उसके परिवार वालों ने यह तय किया हो कि उस आतंकवादी की करतूतों/कुकर्मों की जांच कौन करेगा.....??? परन्तु गुजरात हाईकोर्ट की तत्कालीन जज महोदया ने यह अज़ब गज़ब इतिहास रच डाला था....!!! उन्होंने यह अज़ब गज़ब इतिहास क्यों रचा था...? यह फैसला आप लोग स्वयं करिये, लेकिन यह फैसला करने में आप लोगों की मदद के लिए मैं आप सभी मित्रो से इतना जरूर बताना चाहूंगा कि, गुजरात हाईकोर्ट की उन जज महोदया का नाम था अभिलाषा कुमारी और वो हिमांचल प्रदेश के कांग्रेसी मुख्य्मंत्री वीरभद्र सिंह की दुलारी बिटिया हैं....!!! यह सच तो अब सामने आ ही रहा है कि, सतीश वर्मा ने किस तरह आतंकियों को बचाने की, उनकी पहचान छुपाने की देशद्रोही कोशिशें की और उस गुजरात हाईकोर्ट को सतीश वर्मा के ये सारे देशद्रोही कुकर्म और करतूतें कभी दिखे ही नहीं, जो इस पूरी जांच को अपनी देखरेख में करवा रहा था....!!!
इस चित्र में सतीश वर्मा को नायक बताकर/बनाकर उसका इंटरव्यू ले रहे "आजतक" और "NDTV" के इन प्रेस्टिट्यूट्स ने..., क्या कभी भी किसी न्यूजचैनल ने सतीश वर्मा का सच हमको...., आपको बताया...???
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