कांग्रेस की बेचैनी में दिख रही भाजपा को उम्मीद, मुस्लिम मतों में बिखराव पर ही टिकी है आस....!!!
@@@......महिलाओं के बीच भी भाजपा के प्रति रूझान.....!!!
@@@......महिलाओं के बीच भी भाजपा के प्रति रूझान.....!!!
पूर्वोत्तर का द्वार असम में भाजपा को पहली बार कमल खिलने की उम्मीद है। मगर यह उम्मीद विधानसभा चुनाव हर हाल में जीतने के आत्मविश्वास से नहीं बल्कि कांग्रेसी खेमे में छाई बेचैनी से पैदा हुई है। खासतौर से अंतिम चरण में मुसलिम बहुल इलाकों में हुए रिकार्ड मतदान के कारण पार्टी नेताओं में चिंता भी है।
पार्टी नेताओं को डर है कि अंतिम चरण के अंतिम दो-तीन घंटों के दौरान हुए ताबड़तोड़ मतदान कहीं कांग्रेस के पक्ष में अल्पसंख्यकों के ध्रुवीकरण का नतीजा तो नहीं था? चूंकि पार्टी के रणनीतिकार बिहार विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतों के ध्रुवीकरण के साथ-साथ राजद-जदयू के परंपरागत मतों का एक दूसरे में सफल स्थानांतरण का हश्र देख चुकी है, इसलिए असम में हर हाल में जीत का सार्वजनिक दावा करने से पार्टी बच रही है।
पार्टी के नेता मानते हैं कि भाजपा गठबंधन को बहुमत मिलना इस पर निर्भर करेगा कि मुस्लिम मत कांग्रेस और बदरुद्दीन अजमल की पार्टी में बंटी या नहीं। प्रथम चरण के मतदान के बाद भाजपा खेमे में खासा उत्साह था। उत्साह का कारण कांग्रेसी खेमे से आ रही बेचैनी की सूचना थी। मगर अंतिम चरण में हुए ताबड़तोड़ मतदान ने भाजपा की भी बेचैनी बढ़ाई है।
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