
!!!....लोगों ने दिखाई गांधीगीरी, दौड़ पड़ी व्यवस्था.....!!
@@@....तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा का लिया सहारा....???
प्रतापगढ़
: भारत स्वच्छता अभियान की हकीकत से रूबरू कराने के लिए बुधवार को सदर
तहसील दिवस में नागरिकों ने गांधीगीरी करते हुए एडीएम को माला पहनाने का
प्रयास किया। सदर तहसील में जनता की समस्याओं को निस्तारित करने के लिए अपर
जिलाधिकारी पुनीत शुक्ल सहित पूरा प्रशासनिक अमला बैठा हुआ था । नगरपालिका
के धर्मशाला वार्ड में लगभग 20 दिनों से दर्जनों लोगों के घरों में घुटनों
तक नाले का पानी भर गया है और उनका जीवन नरक हो गया है।पीड़ितों ने डी. एम.
से मिलकर प्रार्थना पत्र दिया और जिलाधिकारी ने उस पर अमल करने के लिए नगर
पालिका को निर्देशित किया,परन्तु मामला वही ढाक के तीन पात वाला ही रहा । इसी
मामले को लेकर मुहल्ले के लोग सदर तहसील दिवस में जिलाधिकारी का फार्मूला
अपनाते हुए नाले का गंदा पानी साफ कराने में नाकाम जिला प्रशासन को उनकी
भाषा को ढाल बनाकर गांधीगीरी दिखाते हुए एडीएम को माला पहनाने का प्रयास
किया । नगर
पालिका के लिपिक सुरजीत सिंह को तलब कर ईओ से बात कराने के लिए कहा गया,
परन्तु लिपिक बात तक न करा सका। जबकि नगर पालिका बरसात से पहले लाखों रुपये
खर्च कर नालियों की सफाई कराने का दावा करती है और जब बरसात होती है तो
आधा शहर डूब जाता है ।




अपर जिलाधिकारी को माला पहनाने का कार्य आरटीआई कार्यकर्ता रमेश तिवारी के नेतृत्व में धर्मशाला वार्ड के लोगों ने किया। इस दौरान अनिल कुमार, संदीप रावत, अनिल कुमार जायसवाल, श्रीपाल शर्मा, प्रदीप शर्मा, गुड्डू जायसवाल, सुदीप रावत, राजा सोनी, अनिल कुमार खरे, सना उल्ला अंसारी, जब्बार अली, राज कुमार, राजेश एवं साहिल आदि लोग मौजूद रहे । नगर के सिप्टैन रोड पर नाले का निकास बंद करने से नाली का गंदा पानी लोगों के घरों में घुसने की शिकायत की जांच को नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी अवधेश यादव मौके पर पहुंचे। नाले का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस रहा था। रेलवे लाइन के निकट स्थित नाले का निकास पूर्व विधायक श्याद अली की भूमिधरी जमीन में होना बताया गया, जिसे उनके द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया है । ई. ओ. ने धर्मशाला वार्ड व अचलपुर वार्ड के सभासदों को बुलाकर समस्या के समाधान के विषय में मंत्रणा की। रेलवे ट्रैक के पास से गंदे पानी को निकालने पर विचार किया गया। ईओ ने बताया कि रेलवे प्रशासन से बातचीत कर कोई समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस समस्या के विषय में जिलाधिकारी को भी अवगत करा दिया गया है । अचलपुर में नाले के पानी का निकास बंद किए जाने से एक बात तो तय है कि नागरिकों में संक्रामक बीमारी फैल सकती है। लोगों की मानें तो पिछले कई दशकों से नाले का निकास अचलपुर में ही किया जाता था। अब इसका विरोध किया जा रहा है। नाले का पानी बंद करने से गंदा पानी लोगों के घरों में घुस रहा है। यदि इसका समाधान शीघ्र न किया गया तो लोगों में संक्रामक बीमारी फैलने से इन्कार नहीं किया जा सकता ।
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