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शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016

सत्तापक्ष के नेताओं के आगे प्रतापगढ़ की बेवश पुलिस

!!!...दबाव में देर रात छोड़ दिए गए आरोपी....!!!
सत्तापक्ष के नेताओं के आगे प्रतापगढ़ की बेवश पुलिस....!!!
क्या सामान्य लोंगों के साथ प्रतापगढ़ की पुलिस का रहता है,यही रवैय्या....???
केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं को चिल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए....!!!
जिले के शिखण्डी नेताओं से 2017 का महाभारत का युद्ध कैसे लड़ेंगे भाजपा के केशव....???
2017 के महाभारत में भीष्म पितामह नहीं, जो शिखण्डी भाजपा नेताओं के सामने रख देंगे अपना धनुष और बाण....!!!
2017 के कुरुक्षेत्र में धृतराष्ट और दुर्योघन की रहेगी भरमार....!!!
 इन भाजपा के शिखंडियों से बेहतर सत्ता संघर्ष का मुकाबला सदर प्रमुख की कुर्सी हेतु पूर्व प्रमुख शांति सिंह लड़ी थी....!!!
💪💪💪....कोतवाली नगर में देखने लायक था, उस वक्त का नजारा...!!!
🎤🎤🎤....निंदा प्रस्ताव तक सिमट कर रह गए भाजपाई, जबकि सत्ता पक्ष के नेताओं ने दबाव बनाने के लिए देर रात अपने साथियों को छुड़ाने तक कोतवाली नगर को रखा था, घेर....!!!
प्रतापगढ़ : शहर के भाजपा नेता रवि प्रताप सिंह निवासी सिविल लाइन पर हुए हमले के मामले में सत्ता के दबाव में देर रात पकड़े गए आरोपियों को छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं उन पर लगी गंभीर धाराओं को मुकदमा दर्ज होने के तुरंत बाद ही हटा दिया गया। पुलिस इस मामले में पूरी तरह बैकफुट पर नजर आई।
बताते चलें कि भाजपा के पूर्व जिला कार्यकारिणी सदस्य रवि प्रताप सिंह बुधवार को तहसीलदार चंद्रेश बहादुर सिंह के साथ रोडवेज बस स्टेशन के निकट महिला क्लब की भूमि का बैनामा लेने का कागजात दिखा रहे थे। इसी बीच कार से पहुंचे आधा दर्जन लोगों ने उन पर हमला बोल दिया। तहसील प्रशासन के सामने ही हमलावरों ने रवि प्रताप को रायफल के बट से सिर पर वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। उन्हें मारने से रायफल टूट गई।
इसी बीच सूचना मिलते ही शहर कोतवाल हरपाल सिंह यादव अपने हमराहियों के साथ वहां पहुंचे और दो हमलावरों मयंक सिंह निवासी मीराभवन व शेखर सिंह निवासी अचलपुर को हिरासत में लेकर उनकी कार अपने कब्जे में ले लिया। खून से लथपथ रवि प्रताप सिंह को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें स्वरूप रानी अस्पताल इलाहाबाद रेफर कर दिया।
वहीं हमलावरों के पास से पुलिस ने रिवाल्वर, रायफल व डीबीबीएल गन एक तमंचा तथा दो कारतूस बरामद किया है। हमलावरों के सत्तपक्ष से जुड़े होने के कारण मामला हाईप्रोफाइल हो गया। दो नामजद एवं आधा दर्जन अज्ञात के विरुद्ध भाजपा नेता रविप्रताप की तहरीर पर धारा 307 सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। हालांकि सत्ता के दबाव में एक पुलिस अफसर के कहने पर जहां धारा 307 फौरन हटा दी गई वहीं आरोपियों को देर रात कोतवाली से निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।
शहर कोतवाल हरपाल सिंह यादव ने बताया कि मुकदमे की जांच पड़ताल की जा रही है। एसपी एमपी वर्मा से वार्ता करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन नहीं उठा। शहर कोतवाल हरपाल सिंह यादव ने पांच लोगों के विरुद्ध नगर कोतवाली में खुद वादी बनकर आयुध अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया है।
इसके साथ ही उन्होंने बरामद असलहों के लाइसेंस निरस्तीकरण की रिपोर्ट भेज दी है। वादी के मुताबिक बुधवार को मुखबिर से मिली सूचना पर जब वह विवादित जमीन के पास एस आई सिविल लाइन अनूप कुमार को लेकर पहुंचे तो सफेद कार पर बैठकर भागने की फिराक में बैठे मयंक सिंह निवासी सिविल लाइन शुकुलपुर के हाथ में डीबीबीएल गन थी। इसका लाइसेंस संतोष कुमार सिंह निवासी आवास विकास कालोनी की बताई गई। उसमें चेंबर खोलने पर दो कारतूस जिंदा मिले।चार कारतूस बट पर लगे कवर में लगे थे।
    पुलिस की पकड़ में आया मारपीट में शामिल दूसरा आरोपी ने अपना नाम शेखर सिंह निवासी अचलपुर बताया। उनके दाहिने हाथ में रिवाल्वर थी उसमें चार कारतूस लोड थे। यह रिवाल्वर मयंक के भाई मृत्युंजय की बताई गई। चालक के बगल वाली सीट पर एक रायफल दो हिस्सों में टूटी मिली। यह शैलेंद्र सिंह निवासी जेल रोड की बताई गई। कोतवाल ने आयुध अधिनियम में शेखर सिंह, मयंक सिंह, संतोष कुमार सिंह, मृत्युंजय प्रताप ¨सह तथा शैलेंद्र सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। कोतवाल हरपाल सिंह ने बताया कि लाइसेंस निरस्तीकरण की रिपोर्ट भेज दी गई है।


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