"खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है...!!!
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं....!!!"
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं....!!!"
उपरोक्त गीत गाते हुए भारत की आज़ादी के लिए वास्तव में अपने खून की होली खेल गए भारत माता के इन तीन अजर अमर बलिदानी पुत्रों की बलिदान जयंती पर उनका कोटि कोटि वंदन और नमन...!!! इन अमर बलिदानियों की पैर की धूल से भी बदतर जिस जवाहरलाल को इनके समकक्ष खड़ा करने का कुकर्म करने का प्रयास जिस थरूर ने यह कहकर किया है कि, इन लोगो की तरह जवाहरलाल को भी अंग्रेज़ों ने देशद्रोह का आरोपी बनाया था, उस थरूर को यह भी बताना चाहिए कि अंग्रेज़ों ने इन बलिदानियों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया तो फिर उन्हे उसके लिए सज़ा ए मौत भी दी l जबकि अंग्रेज़ों ने जवाहरलाल को इसके लिए अलग अलग मुकदमों के लिए अलग अलग तिथियों पर दी गयी सज़ा के रूप में कुल 8 साल 3 महीने 9 दिन जेल में बंद रखा वो भी एकसाथ नहीं बल्कि 10 किस्तों में...!!!
थरूर और उसके कांग्रेसी गैंग को देश से यह बताना होगा कि, जवाहरलाल पर अंग्रेज़ों ने यह मेहरबानी आखिर क्यों की...??? भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को देशद्रोह के आरोप में फांसी और जवाहरलाल को उसी आरोप में 10 किस्तों में केवल 8 साल 3 महीने 9 दिन की ही सज़ा क्यों दी थी अंग्रेज़ों ने....??? इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा पड़ा है जो हमें यह बताते हैं कि, अंग्रेज़ हुक्मरान ऐसी मेहरबानियाँ उन गद्दारों पर करते थे जो क्रांतिकारियों को फांसी पर लटकवाने के लिए उनकी मुखबिरी अंग्रेज़ो से करते थे...!!! थरूर और उसके कांग्रेसी गैंग से देश जानना चाहता है कि जवाहरलाल पर अँगरेज़ हुक्मरानों की इस मेहरबानी का कारण क्या था....??? क्या क्रांतिकारियों को फांसी पर लटकवाने वाला, अंग्रेज़ों का मुखबिर था जवाहरलाल....??? या फिर थरूर और उसका कांग्रेसी गैंग देश से लगातार झूठ बोलता रहा है कि, अंग्रेज़ों ने जवाहरलाल के खिलाफ देशद्रोह का केस चलाया था...??? दोनों में से कोई एक बात तो सच है....??
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