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सोमवार, 21 मार्च 2016

दोगलों की दोगली बातें....!!!

!!!...दोगलों की दोगली बातें...!!!
@@@....वो करें तो राशिलीला, हम करें तो करेक्टर ढीला....!!!
एक ही बात के दो मायने देश में दोगलों द्वारा निकाले जा रहे हैं । जब ‪#‎JNU‬ का कलयुगी "कन्हैया" पकड़ा जाता है तो दोगले कहते हैं कि क्यों पकड़ लिया...? जब "उमर खालिद" जैसा राष्ट्रद्रोही को पुलिस नहीं पकड़ पाती तो कहते हैं, अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया...???
जब राष्ट्रद्रोहियों द्वारा देश के शैक्षणिक संस्थानों में देशद्रोह के नारे लगाए जाते हैं तो दोगले कहते हैं, ये निर्दोष है। जब पुलिस पकड़ती है तो दोगले बोलते हैं कोर्ट ले जाओ...!!! जब कोर्ट फैसला करती है तो दोगले कहते हैं, कोर्ट ने मासूम को फांसी गलत दे दी है । दोगले दलील देते हैं कि एक अपराध की कितनी सजा...? विशेषकर "अफजल गुरु, "याकूब" के मामले में....!!!
जब एक सी. एम. को मारने के षड्यंत्रकारियों का एनकाउंटर होता है तो दोगले कहते हैं कि "इशरत जहाँ" उनकी बेटी थी। वो तो स्कूल जाती थी, वो तो निर्दोष थी....! जब पता चल जाता है कि वो तो आतंकवादी थी, तो दोगले कहते हैं कि कोर्ट क्यों नहीं गए....? उसका एनकाउंटर क्यों किया...???
फिर जब कोर्ट जाते हैं तो माफ़ी का हंगामा करते हैं । रात को 12 बजे कोर्ट खुलवाते हैं "याकूब मेनन" के लिए । फिर भी बोलते हैं कि देश में रहने लायक माहौल नहीं । भांडों से बयान दिलाया जाता है कि देश में असहिष्णुता है । कमीनापंथी की सारी हदें पार कर देश का माहौल खराब बताने के लिए भी सेकुलरिज्म का बुर्का पहनाकर फ़िल्मी भांडों को उतारा जाता है....!!!
मेनन को मासूम बताया जाता है, उसकी शव यात्रा में लाखों लोग खड़े हो जाते हैं। खुलेआम कोर्ट और सरकार को गाली देते हैं। आखिर ये कैसा सेकुलरिज्म....? कोई बोलता है – भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंसा अल्लाह, इंसा अल्लाह । भारत की बर्बादी तक जंग लड़ेगें, जंग लड़ेंगें...!!!
फिर कहते हैं कि "कन्हैया" तो बच्चा है, उसने ऐसा नहीं बोला..! जब वीडियो वाईरल हो जाता है तो दोगले कहते हैं, ये तो अभिब्यक्ति की आजादी है...! जब ऐसे लोग उग्रवादी बन जाते हैं, तो दोगले कहते हैं कि सरकार ने समय पर ध्यान क्यों नहीं दिया.....? क्या सरकार सो रही थी....???
जब कोई देशद्रोही को कोर्ट के बाहर जज्बातों में राष्ट्रवादियों द्वारा उसके दिमाग की सफार्इ की जाती है, तो ये हराम के जने पूरा आसमान ही सर पर उठा लेते हैं । गला फाड़कर, चिल्ला - चिल्लाकर दोगले कहते हैं कि कोर्ट में पेशी पर कानून के पुजारियों ने कानून तोड़कर उनके कलयुगी कन्हैय्या को लतियाया है । लेकिन दोगले ये नहीं मानते कि शिक्षा के मन्दिर को आतंकियों का अड्डा भी तो कन्हैया ने ही बनाया है....!!!
जब मालदा में ढाई लाख लोग उतरते हैं और उपद्रव करते हैं, तो दोगले बोलते हैं कि ये तो उनका गुस्सा था । जब एक हिन्दू किसी के बारे कुछ कहता है तो दोगले कहते हैं, इसने इस्लाम का अपमान किया है । इसे कड़ी से कड़ी सजा दो "कमलेश तिवारी" की तरह...! जब मुस्लिम भारत को गाली देता है और तोड़ने की बात करता है तो दोगले कहते हैं कि ये तो अभिव्यक्ति की आजादी है "उमर खालिद" के समर्थन की तरह....!!!
जब दादरी में एक अक्लाख" मरता है तो पूरा भारत असहिष्णु हो जाता है। जब पुणे में हिन्दू जिन्दा जलाया जाता है तो हरामियों के मुंह बन्द हो जाते हैं....! जब प्रशांत पुजारी को मुस्लिम काट देते हैं तो ये दोगले मौनब्रत धारण कर लेते हैं । ये कैसा दोगला सेकुलरिज्म है, जो देश के गद्दारों का संरक्षक बन बैठा है । सही और गलत की दो धारणाएं बनाए बैठा है । मुझे तो लगता है ये दोगले कोई और नहीं रेडलाइट की औलादें हैं....!!!
!!!...जय हिन्द...! जय भारत...!!!
@@@...जोर से बोलिये भारत माता की जय....@@@
बन्देमातरम् @rrajdar.....!!!





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