देखिये "मोदी" का VIDEO जिस पर जामिया के छात्र व VC का हो गया भयंकर टकराव...!!!
दिल्ली : जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किए जाने पर यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. इससे विवाद पैदा हो गया है. पूर्व छात्रों ने कुलपति को पत्र लिखकर अपील की है कि मोदी ने 2008 में यूनिवर्सिटी के खिलाफ बयान दिया था, यूनिवर्सिटी के दो स्टूडेंट ने वाइस चांसलर तलत अहमद को लेटर लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि 2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर के बारे में मोदी की टिप्पणी के मद्देनजर उन्हें कन्वोकेशन में नहीं बुलाया जाना चाहिए. अगर उन्हें बुलाना ही है तो पहले मोदी को 2008 के अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए....!!!
जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना 1920 में हुई थी और उसे 1988 में केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला. यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अहमद के मुताबिक, पीएम को न्योता भेजा गया है. अभी उनकी तरफ से कन्फर्मेशन नहीं आया है. वहीं, यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता मुकेश रंजन ने कहा कि प्रधानमंत्री को भेजा न्योता वापस नहीं लिया जाएगा. पीएमओ से कन्फर्म होते ही तारीखों का एलान कर दिया जाएगा....!!!
पूर्व स्टूडेंट असद अशरफ और मेहताब आलम ने 50 अन्य एल्युमनी मेंबर्स का साइन किया लेटर वाइस चांसलर को भेजा है. जिसमे उन्होंने कहा है कि 2008 में बाटला मुठभेड़ के बाद मोदी के संस्थान के संबंध में बयान को देखते हुए उन्हें नहीं बुलाया जाना चहिए. साथ ही लिखा है अगर मोदी को बुलाना ही है तो पहले उन्हें कहें कि वे कन्वोकेशन प्रोग्राम से पहले बाटला हाउस के बारे में अपने गलत बयान पर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें. इसके बाद ही वे प्रोग्राम में आएं....!!!
दरअसल, 2008 में मोदी गुजरात के सीएम थे. तब दिल्ली के बाटला हाउस इलाके में आतंकियों का एनकाउंटर हुआ था. जिसमे एक पुलिस अफसर शहीद हुए थे. उस वक्त जामिया मिल्लिया के दो स्टूडेंट को भी अरेस्ट किया गया था. तब यूनिवर्सिटी के वीसी रहे प्रो. मुशीरुल हसन ने दोनों को यूनिवर्सिटी की ओर से कानूनी मदद दिलाने की बात कही थी. इस पर मोदी ने गुजरात में कहा था कि सरकारी धन से चलने वाली यूनिवर्सिटी आतंकियों को जेल से बाहर लाने के लिए कानूनी मदद देने की बात कर रही है. मोदी ने उस वक्त की यूपीए सरकार को भी निशाने पर लिया था. और कहा था कि अगर दिल्ली में मजबूत सरकार होती तो वह जामिया के वाइस चांसलर को एक मिनट में हटा देती. ये लोग खुद को सेक्युलर कहते हैं, लेकिन वोट बैंक की पॉलिटिक्स करते हैं....!!!
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