कार्पोरेट की सबसे बड़ी जंग: मुकेश अम्बानी के पुराने जख्म फिर हुए ताज़ा ,अखबार में पैसा देकर ख़बरें छपवाने का रिलायंस पर संगीन इलज़ाम...!!!
रिलायंस के पुराने जख्म फिर हरे हो गए हैं. बीस साल पुरानी कॉरपोरेट की सबसे बड़ी जंग अब फिर से मुकेश अम्बानी को परेशान कर रही है. हिंदुस्तान की सबसे बड़ी ये जंग अम्बानी और बॉम्बे डाईंग के मालिक नस्ली वाडिया के बीच हुई थी...!!!
अम्बानी ने पैसे देकर छपवाई वाडिया के खिलाफ ख़बरें
पिछले हफ्ते मुंबई के नामी गिरामी पत्रकार और द डेली अख़बार के पूर्व संपादक आर के बजाज ने मुंबई हाई कोर्ट में हलफनामा देकर ये खुलासा किया है की अम्बानी ने द डेली अखबार में पैसे देकर वाडिया के खिलाफ खबर छपवाई थी. बजाज ने कहा कि अम्बानी की तरफ से अख़बार के मालिक और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमल मोरारका को ख़बरें छापने के लिए रिलायंस ने रिश्वत के तौर पर ठेके देकर खुश कर दिया था.
वाडिया ने किया था अम्बानी और अखबार पर मुकदमा
दरअसल नस्ली वाडिया ने अपने खिलाफ छपी झूठी ख़बरों को लेकर अम्बानी और द डेली के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया था. इस मुक़दमे में कार्रवाई जब कोई बीस साल बाद फिर शुरू हुई तो पत्रकार आर के बजाज ने हलफनामा देकर पुरे मामले की कलई खोल दी. पत्रकार बजाज ने खुलासा किया कि जो ख़बरें वाडिया के खिलाफ छापी गयी थी वो रिलायंस के दो अफसरों ने उन्हें मुहैया कराईं थी. उनपर खबर छापने का रिलायंस और प्रबंधन का दबाव था. बजाज ने कहा कि उस वक़्त उनकी पत्नी भी मोरारका के अखबार में काम करती थी इसलिए वो दबाव के आगे झुक गए थे. बजाज का कहना है कि उन्हें इशारों इशारों में कहा गया था कि अगर वो खबर नही छापेंगे तो उनकी परेशानियां बढ़ जाएंगी. बाद में ये अखबार बंद हो गया था.
उधर उद्योगपति और अखबार के मालिक कमल मोरारका ने मीडिया में सफाई दी कि उन्होंने बजाज या किसी और पत्रकार पर कभी भी खबर छापने का कोई दबाव नही बनाया. रिलायंस सूत्रों का कहना है कि बजाज अदालत को गुमराह करने के लिए अम्बानी पर मंगागदन्त आरोप लगा रहे हैं....!!!
अखबार ने वाडिया पर दाऊद का एजेंट होने का लगाया था आरोप
हालांकि सच ये है कि इस कॉरपोरेट वार में द डेली का रोल पत्रकारिता के मापदंड के लिहाज से विवादस्पद था. अखबार ने अम्बानियों के इशारे पर वाडिया की चरित्र हत्या करने की कोशिश की थी. अखबार ने आरोप लगाया था कि बॉम्बे डाईंग के मालिक नस्ली वाडिया पाकिस्तान के एजेंट थे और दावूद इब्राहिम के लिए काम करते थे. अखबार ने वाडिया पर मनी लॉन्डरिंग का भी आरोप लगाया था. ध्यान रहे नस्ली वाडिया पाकिस्तान के जनक मुहम्मद अली जिन्ना के पोते हैं जो विभाजन के बाद पाकिस्तान नही गए. नस्ली वाडिया की माँ ने हिंदुस्तान में रहने का ही फैसला किया जो जिन्ना के लिए अपमान का कारण भी बना. फिलहाल वाडिया और अम्बानी की लड़ाई अब फिर ताज़ा हों गयी है जिसे लेकर कॉरपोरेट में हड़कम्प है....!!!
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