संविधान पर चर्चा : मोदी ने कहा, सरकार का इकलौता धर्म "इंडिया फर्स्ट"...!!!
दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा मे संविधान पर दो दिन चली चर्चा पर जवाब देते हुए कहा है कि देश का संविधान बदलने की कोई सोच नहीं सकता. उन्होंने कहा कि संविधान बदलने की सोचना भी आत्महत्या करने जैसा होगा. पीएम मोदी ने कहा कि यह देश अनेक शख्सियतों और सरकारों की बदौलत आगे बढ़ा है. उन्होंने कहा कि कोई भी यह नहीं कह सकता कि किसी सरकार ने कुछ नहीं किया.
सरकार का धर्म
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मोदी ने कहा इस सरकार का इकलौता धर्म है इंडिया फर्स्ट. यह सरकार सिर्फ एक ही पवित्र किताब से चलती है, वह है संविधान. कोई भी संविधान नहीं बदल सकता है. इसे लेकर भ्रम जरूर फैलाया जा रहा है. बाबा साहब का दर्द संविधान में शब्द के रूप में उभरा. उन्होंने बहुत कुछ झेला लेकिन संविधान बनाते समय देश के लिए सबसे अच्छी बातें शामिल कीं.
भारत में 12 धर्मों के उत्सव
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मोदी ने कहा कि भारत में 12 धर्मों के तरह-तरह के उत्सव मनाए जाते हैं. यह इस देश की महानता है. दुनियाभर के धर्म यहां हैं और सद्भाव के साथ हैं.
'संविधान में सबको बांधने की ताकत
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पीएम मोदी ने कहा कि देश के संविधान में हम सबको बांधने की ताकत है. उन्होंने कहा कि संविधान के जरिए ही सबकी तरक्की का रास्ता खुलता है.
'26 नवंबर ऐतिहासिक तारीख'
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26 नवंबर, 1949 का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह इतिहास की एक अहम तारीख है. मोदी ने कहा कि सदन में संविधान का महत्व काफी प्रभावी ढंग से रखा गया. उन्होंने कहा कि सांसदों ने एकमत से चर्चा का समर्थन किया.
बाबा साहब ने सारे जहर को पी लिया'
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बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के त्याग और परिश्रम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'बाबा साहब ने सारे जहर को पी लिया और हमारे लिए अमृत छोड़ गए. उन्होंने अपने जीवन में अनके यातनाएं झेलीं.'
'संविधान में एकता, मर्यादा का भाव'
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भारतीय संविधान की अहमियत का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस दस्तावेज में देश की एकता और मर्यादा का भाव है. उन्होंने कहा कि हम सबका रास्ता सहमति का होना चाहिए....!!!
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