सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय - प्रतापगढ़ की अजब - गजब कहानी देखने व सुनने को मिल जाती है ...!!! आज जो कहानी देखने व सुनने को मिली वो हजम होने वाली नहीं है ...!!! एक वर्ष पहले जब ये कार्यालय महुली मंडी में संचालित था, तब वहाँ रहस्यमय ढंग से सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में उस जगह आग लगी, जहां टैक्स से सम्बंधित फाइलें मौजूद थी....!!! मजे की बात ये कि टैक्स चोरी की जांच भी सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय की चल रही थी, उसी दौरान संदिग्ध दशा में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में आगजनी की घटना हो गई ...!!! टैक्स पटल का बाबू श्री उमेश मिश्रा जो टैक्स चोरी कराने के आरोपों से घिरे थे, शक की सूई उनके ऊपर गयी और वाहन स्वामी का भी नाम जो अन्दरखाने से जानने को मिला, वह भी कम रोचक नहीं रहा....!!! वाहन स्वामी ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन नामक संगठन के तथाकथित स्वयंभू अध्यक्ष रहे ....!!! उस समय परिवहन विभाग के उच्चाधिकारी महुली मंडी का निरीक्षण किये और वहां से अपना कार्यालय कटरा रोड़ पर फुलवारी के पास स्थानांतरित करने का निर्णय लिए और तब से सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय वहीं संचालित हो रहा है ....!!! वहां भी आयेदिन कोई न कोई घटना - दुर्घटना घटित होती रहती है ...!!! इस बार जो मामला प्रकाश में आया वह वाकई में सोचने पर मजबूर कर देने वाला है ....!!! सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय के रिकार्ड की फाइलें खुले आसमान पर पानी लगकर सड़ने के लिए छोड़ दी जाए, इससे अधिक लापरवाही और क्या हो सकती है ....??? ये सब घटनाएं जानबूझकर की जाती हैं....!!! जनपद में ट्रक ट्रांसपोर्ट संघठन के नाम पर जो संगठन लिखा पढ़ी में चल रहे वो वास्तव में संगठन के नाम पर गैंग बनाकर गैंगेस्टर चलाया जा रहा है....!!! ये सब उसी के इशारे पर किया जा रहा है ...!!! जिस तरह हाथी के दांत खाने के और, दिखने के लिए दूसरे होते हैं, ठीक उसी तरह जनपद प्रतापगढ़ में अच्छी - अच्छी लच्छेदार शब्दों के साथ बोलने के लिए अलग चेहरा होता है और साजिश और षडयन्त्र के लिए उसी ब्यक्ति का दूसरा चेहरा हो जाता है ...!!! छत पर फाइलें सड़ रही हैं और सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी मजे से अपनी अवैध कमाई में मस्त हैं ....!!! है न गंभीर समस्या वाला विषय .....!!!!
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सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय के गैर जिम्मेदाराना हरकत की बात करता आर. आई. लक्ष्मी कान्त
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